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Pride Of India: डॉ बुद्धि प्रकाश शर्मा को मिला ‘भारत की शान’ पुरस्कार, पीएम मोदी पर लिखी है किताब

India News (इंडिया न्यूज़), Pride Of India: राजस्थान की राजधानी जयपुर के रहने वाले प्लास्टिक सर्जन डॉ बुद्धि प्रकाश शर्मा हेयर ट्रांसप्लांट और कॉस्मेटिक सर्जरी में बड़े नाम हैं, डॉ शर्मा एक डॉक्टर के रूप में काफी नाम कमा चुके हैं और कई मरीजों के चेहरे पर अपने उपचार से मुस्कान ला चुके हैं, लेकिन आजकल डॉ बुद्धि प्रकाश शर्मा अपने उत्कृष्ट लेखन के लिए काफी चर्चा में हैं। डॉ शर्मा ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्याणकारी योजनाओं पर एक किताब लिखी है, इस किताब का नाम है ‘नरेंद्र से नरेंद्र तक’।

‘नरेंद्र से नरेंद्र तक’ पुस्तक में डॉ बुद्धि प्रकाश शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले 9 साल में देश की जनता की सेवा के लिए लाई गई कल्याणकारी योजनाओं के विवरण पर चर्चा की है। डॉ शर्मा का कहना है कि मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाएं सभी वर्गों को यानी किसान, दलित, महिलाओं आदि सभी को ध्यान में रखकर बनाई गई है जिसका फायदा सीधे तौर पर जनता को हुआ है। डॉ शर्मा ने बताया कि इस तरीके की कल्याणकारी योजनाओं का अधिक प्रचार-प्रसार हो सके, लोगों को इसका लाभ मिले, इसी को ध्यान में रख कर इन्हें इस पुस्तक को लिखने की प्रेरणा मिली।

मिला ‘भारत की शान’ पुरस्कार

डॉ बुद्धि प्रकाश शर्मा मानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के कारण ग्रामीण परिवेश में युगांतकारी और सकारात्मक बदलाव आ गए हैं, ग्रामीण क्षेत्र में चाहे महिलाएं हों, आदिवासी हों, उनके जीवन में 2014 के बाद ऐसे बदलाव हुए, जिससे इनका जीवन पहले के मुकाबले बेहतर हो गया। डॉ शर्मा बताते हैं कि 2014 से पहले ग्रामीण परिवेश में काफी मुश्किलें थीं। बहन-बेटियों के लिए शौचालय तक नहीं थे, स्वच्छ जल पीने के लिए नहीं था, बिजली की सुचारु व्यवस्था नहीं थी, स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कोई ठोस उपाय तक नहीं था। 2014 के बाद ग्रामीण परिवेश में जब बदलाव आया, लोगों की स्थिति अच्छी होने लगी तो इन्होंने सरकार को धन्यवाद देने के ख्याल से पुस्तक लिखना शुरू कर दिया।

नरेंद्र से नरेंद्र तक पुस्तक का नाम क्यों ?

डॉ बुद्धिप्रकाश से जब साक्षात्कार में पूछा गया कि उन्होंने अपनी पुस्तक का नाम ‘नरेंद्र से नरेंद्र तक’ क्यों रखा तो इन्होंने बताया कि नरों में श्रेष्ठ भगवान श्रीराम, मर्यादा पुरुषोत्तम थे, श्रीराम ने वनवास केवल रावण वध के लिए नहीं चुना बल्कि वनवासियों के जीवन को बेहतर करने के लिए भी चुना , खुद कष्ट सह कर उन्होंने जीवन जीने के लिए कई बातें सिखायीं, उनके साथ-साथ चले, आत्मविश्वास भरा और अन्याय का प्रतिकार करना सिखाया, इसी तरह दूसरे नरेंद्र थे स्वामी विवेकानंद । स्वामी विवेकानंद ने पूरे विश्व को परिवार की तरह देखा, सनातन और हिंदुत्व की समावेशी संस्कृति से लोगों का कल्याण देखा और यही समानता डॉ शर्मा को प्रधानमंत्री मोदी में दिखती है, डॉ शर्मा को प्रधानमंत्री मोदी में श्रीराम का जन कल्याण और विवेकानंद की विश्व बंधुत्व शैली और हिंदुत्व की समावेशी विचारधारा नजर आती है, इसी कारण ये पुस्तक लिखने को प्रेरित हुए।

प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना से विशेष लाभ

डॉ बुद्धि प्रकाश शर्मा प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना से विशेष तौर पर प्रभावित हैं, दरअसल सब जानते हैं कि जो लोग आर्थिक तंगी होने के कारण व्यवसाय शुरू नहीं कर पाते, लाभार्थियों को सरकार प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत, बैंक से 10 लाख तक का कर्ज दिला कर आर्थिक सहायता प्रदान करती है, मुद्रा लोन लेने के लिए किसी गारंटी की ज़रूरत नहीं होती है, इस योजना को डॉ बुद्धि प्रकाश शर्मा एक विशेष पहल के तौर पर देखते हैं जिससे आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोग भी लोन लेकर आसानी से कामकाज शुरू कर सकते हैं, डॉ शर्मा बताते हैं कि इस योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाएं, आदिवासी-वनवासी, दलितों-वंचितों-शोषितों का बहुत ख्याल रखा, यह इसलिए क्योंकि इसमें बैंक लोन के माध्यम से लोग आसानी से कोई छोटा-मोटा रोजगार शुरू कर सकते हैं । उदाहरण के लिए गृहिणी अब सिलाई का काम करने लगी, कोई आसानी से ठेले लगाने लगे,किसी ने दुकान खोल ली, किसी ने फल का बिजनेस शुरू किया, पहले उन्हें किसी से मोटे ब्याजदरों पर पैसे कर्ज लेने पड़ते थे और उसे चुकाने में उन्हें काफी दिक्कतें आती थीं, सरकार ने दिक्कतें खत्म कर दीं और लोगों को आत्मनिर्भर बनाना शुरू कर दिया। पहले लोग ब्याज के बोझ तले दब जाता था और उसका व्यवसाय चौपट हो जाता था।

देश के लोगों को संदेश

डॉ बुद्धि प्रकाश शर्मा देश के लोगों को संदेश देना चाहते हैं कि 2047 तक जब हम आजादी के सौ साल पूरे कर रहे होंगे तो हमें आजादी के पंच-प्रण ध्यान रखना चाहिए, पहला- हर हाल में विकसित राष्ट्र बना कर दम लेना है, दूसरा-हमें हर गुलामी के प्रतीक से आजाद होना है, तीसरा-हमें एकता,एकजुटता और अखंडता बनाए रखनी है, हम किसी भी धर्म-जाति-संप्रदाय के हों, हमें हर हाल में एक रहना है। चौथा-हमें अपनी सनातन संस्कृति की विरासत, रीति रिवाजों पर गर्व करना चाहिए, और पांचवां-नागरिकों को अपना कर्तव्य समझना चाहिए और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने को लेकर प्रण लेना चाहिए।

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Mudit Goswami

मुदित गोस्वामी, प्रयागराज से ताल्लुक रखते हैं. Delhi university से पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त कर Paigam.Network जैसी संगठन के साथ बतौर रिसर्चर और कॉन्टेक्ट राइटर काम कर चुके हैं. पत्रकारिता जगत में 3 से अधिक सालों के अनुभव के साथ इंडिया न्यूज़ में पॉलिटिक्स और धर्म से जुड़ी खबरें/स्टोरी लिखना पसंद करते हैं.

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