Prime Minister National Nutrition Mission 2021 (NNM)
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
प्रत्येक विकासशील देश की भांति हमारे देश के लोगों में भी कुपोषण पाया जाता है। देशवासियों को बेहतर जीवन शैली मुहैया करवाने के लिए और कुपोषण से बचाने के लिए कई योजनाएं केंद्र सरकार द्वारा लागू की जा रही हैं। उनमें से एक प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना 2021 है। इसके तहत भारत की सरकार ने एक न्यूट्रीशन से संबंधित योजना लाने का निर्णय लिया है, जिसको हमारे देश के बच्चों एवं गर्ववती औरतों की भलाई के लिए शुरू किया जा रहा है। भारत की अधिकतर जनसंख्या अच्छा एवं पौष्टिक भोजन न मिलने की वजह कम वजन का शिकार रहती है। इन्हीं कारणों की वजह से गर्भवती महिलाएं भी स्वस्थ नहीं रह पाती हैं और बच्चा स्वस्थ पैदा नहीं हो पाता है। इन्ही सब समस्यायों से निपटने के लिए सरकार एनएनएम (नेशनल न्यूट्रीशन मिशन) को लेकर आयी है।
भारत की केंद्र सरकार ने इस मिशन के लिए वार्षिक आॅपरेशन के आधार पर 9646 करोड़ रुपए की राशि खर्च करने का बजट बनाया है। इस मिशन को तीन चरण में पूरा किया जाएगा एवं एक चरण को एक साल के अंदर पूरा किया जाएगा। इन तीनों चरणों को पूरा करने में केंद्र सरकार, राज्य सरकार एवं आईबीआरडी या एमबीडी अपनी अपनी हिस्सेदारी निभाएंगे।
* राष्ट्रीय पोषण मिशन में आने वाले खर्च को उठाने की बात करें तो केंद्र सरकार 60 प्रतिशत हिस्सा देगी, बांकी का 40 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार को ही उठाना पड़ेगा।
* स्टेट-वाइज मिशन के लिए बजट की राशि आधी-आधी की जाएगी. जिसमें से राष्ट्रीय पोषण मिशन के राज्य बजट का 1/2 पैसा राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा एवं बांकी का बचा हुआ 1/2 पैसा आईबीआरडी या एमबीडी द्वारा दिया जाएगा।
* उत्तर पूर्वी राज्यों और हिमाचल प्रदेश में नेशनल न्यूट्रीशन मिशन के लिए 90 प्रतिशत तक पैसा भारत की केंद्र सरकार द्वारा दिया जाएगा, बांकी का सिर्फ 10 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार से लिया जाएगा।
* इस योजना की मदद से भारत सरकार देश के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को उचित खाना देने का इंतजाम करती दिख रही है। जिससे भारत के बच्चों एवं महिलाओं को कुपोषण का शिकार होने से बचाया जा सके।
* इस योजना का लक्ष्य करीब 10 करोड़ बच्चों एवं महिलाओं को लाभ पहुंचाना है, इस मिशन के अंदर उन परिवारों को मदद मिलेगी जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं एवं अपने बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को पोषित भोजन देने के लायक नहीं हैं। इस मिशन के अंतर्गत 6 महीने से लेकर 3 साल तक के बच्चे को एवं गर्भवती महिलाओं को लाभ मिलेगा।
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भारत की सरकार ने इस मिशन की देखभाल एवं संचालन करने के लिए 6 स्तर (टियर) बनाए हैं। इस मिशन में सरकार ने 6 स्तर के विभागों को देखभाल करने का काम सौंपा है, जिसमें आंगनबाड़ी कर्मचारी सबसे निम्न स्तर पर है। आंगनबाड़ी कर्मचारी अपनी रिपोर्ट अपने सुपरवाइजर को सौंपनी होगी, मतलब दूसरा स्तर आंगनबाड़ी के सुपरवाइजर हैं। इसके बाद तीसरे स्तर पर आंगनबाड़ी सुपरवाइजर इस मिशन की रिपोर्ट चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट अफसर तक पहुंचाएंग। उसके बाद इस रिपोर्ट के सत्यापन के लिए रिपोर्ट को डिस्ट्रिक्ट आॅफिस भेजा जाएगा, जो कि राष्ट्रीय पोषण मिशन की प्रक्रिया का चौथा स्तर है। पांचवें टियर (स्तर) पर स्टेट चीफ सेक्रेटरी के द्वारा कुछ अधिकारियों का चयन किया जाएगा, जिनकी जिम्मेदारी होगी कि जिले स्तर के अधिकारियों से राष्ट्रीय पोषण मिशन की रिपोर्ट लें। अंतिम चरण यानी टियर 6में इस रिपोर्ट को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा, जिसमें केंद्र स्तर के चयनित अधिकारी जांच पड़ताल करेंगे एवं मिशन के हालातों का आंकलन करेंगे।
(Prime Minister National Nutrition Mission 2021)
राष्ट्रीय पोषण मिशन के अंतर्गत अगर आप इस मिशन के इंक्रीमेंटल लर्निंग एप्रोच के इम्प्लीमेंटेशन के बारे जानना चाहते हैं तो आपको इस लिंक पर सभी जानकारियां मिल जाएंगी। इसके अलावा राष्ट्रीय पोषण मिशन से संबंधित कम्युनिटी बेस्ड इवेंट भी आयोजित किए जाएंगे, जिसको राष्ट्रीय पोषण मिशन से जुड़े किसी जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा आयोजित किया जाएगा।
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