India News(इंडिया न्यूज),Priyanka Gandhi: वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से प्रियंका गांधी वाड्रा के नामांकन ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। जिसके बाद भाजपा ने कांग्रेस पर वंशवाद की राजनीति करने का आरोप लगाया है। जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने कांग्रेस पर जनता को धोखा देने और अपने इरादों को छिपाने का आरोप लगाया।
बेशर्मी है और कांग्रेस की बेशर्मी- चंद्रशेखर
वहीं इस मामले में चंद्रशेखर ने कहा, “बेशर्मी है और कांग्रेस की बेशर्मी है – वायनाड के मतदाताओं पर अपने वंश के एक के बाद एक सदस्यों को थोपना – बेशर्मी से यह तथ्य छिपाने के बाद कि राहुल दूसरे निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “विश्वासघात का यह पैटर्न ही कारण है कि कांग्रेस को राहुल गांधी के नेतृत्व में तीसरी बार चुनाव हार का सामना करना पड़ा है।
खेड़ा ने ली चुटकी
वहीं इस मामले में चंद्रशेखर को जवाब देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खुद के ट्रैक रिकॉर्ड की ओर इशारा किया। क्या @narendramodi ने वडोदरा के मतदाताओं से बेशर्मी से यह छिपाया कि वे 2014 में वाराणसी से भी चुनाव लड़ेंगे?
जानकारी के लिए बता दें किवे गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र कर रहे थे जिन्होंने 2014 में वडोदरा और वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ा था और दोनों में जीत हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने वडोदरा निर्वाचन क्षेत्र से इस्तीफा दे दिया और वाराणसी सीट बरकरार रखी।
खड़गे की घोषणा पर बवाल
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा यह घोषणा किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी बहस हुई कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में रायबरेली लोकसभा क्षेत्र को बरकरार रखेंगे और केरल में वायनाड सीट खाली करेंगे। प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से चुनावी मैदान में उतरेंगी।
अगर प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव जीतती हैं, तो यह संसद सदस्य के तौर पर उनका पहला कार्यकाल होगा। इसके अलावा, यह पहली बार होगा जब सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा एक साथ संसद में अपनी सेवाएं देंगे।
बीजेपी ने की निंदा
भाजपा ने वायनाड से प्रियंका गांधी को मैदान में उतारने के कांग्रेस के फैसले की निंदा की और इसे वंशवादी राजनीति का स्पष्ट उदाहरण बताया। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “इससे साबित होता है कि कांग्रेस एक पार्टी नहीं बल्कि एक पारिवारिक कंपनी है।
उन्होंने गांधी परिवार के वंशज द्वारा वायनाड सीट छोड़ने के फैसले को निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं के साथ “विश्वासघात” बताया और आरोप लगाया कि यह परिवार के भीतर राजनीतिक विरासत को बनाए रखने की एक चाल है। उन्होंने कहा, “इससे पता चलता है कि बेटे और बेटी में कौन पहले है। पूनावाला ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने रायबरेली सीट नहीं छोड़ने का फैसला किया क्योंकि ऐसा करने से बाद में होने वाले उपचुनाव में भाजपा की जीत हो सकती थी