इंडिया न्यूज हरियाणा के मंच पर Promila Suhag, कहा- ‘जीवन में माता-पिता को कभी मत भूलना’

PROMILA SUHAG : पानीपत के समालखा में आज इंडिया न्यूज पर ‘हम महिलाएं’ कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें कई महिलाएं मंच पर पहुंचीं। इस दौरान सोशल एक्टिविस्ट प्रोमिला सुहाग, , सोशल वर्कर पूजा विशिष्ट व कई अन्य महिला हस्तियां पहुंची हैं जो महिलाओं के बारे में अपने विचार रख रही हैं।

इस दौरान प्रोमिला सुहाग ने कहा कि मेरे पिता एक पुलिस आफिसर थे, जिन्होंने मुझे हमेशा बेटे की पाला है। जिंदगी में दो लोगों को कभी भी धोखा मत देना। पहला पिता जिसने आपके लिए सब-कुछ हारा हो और दूसरा मां जिसे आपने हर गम में पुकारा हो। वहीं मैं यह भी कहना चाहुंगी कि कई बच्चे आउट आफ ट्रैक भी हो रहे हैं, जिसके लिए मैं कहीं न कहीं मां-बाप को भी जिम्मेदारी ठहराउंगी।

अपने माता-पिता से हर बात को शेयर करें- PROMILA SUHAG

वहीं यह भी कहुंगी कि जिंदगी में अपने माता-पिता से हर बात को शेयर करें क्योंकि अगर आप अपने माता पिता से कोई बात शेयर करने में डर रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप कहीं न कहीं गलत है। वहीं महिलाओं को अपने हक के लिए स्वयं आगे आना होगा। मंच के माध्यम से अभिभावकों को भी यह कहना चाहुंगी कि अपनी बेटियों को बाहर जाने से न रोकें, अपने बेटों को तहजीब सिखाओ। मानसिकता का बदलना सबका बहुत जरूरी है। बेटियों को कभी भी पीछे न करें, अगर बेटा अंश है तो बेटियां भी वंश हैं, बेटा एक वंश को निभाएगा तो बेटी दो-दो वंश को निभाएगी।

टीचिंग महिलाओं के लिए ज्यादा अच्छा करियर- संतोष राठी

वहीं प्रिसिंपल संतोष राठी का कहना है कि मैं लड़कियों के लिए टीचिंग लाइन को अच्छा और सुरक्षित मानती हूं क्योंकि उन पर दो दो जिम्मेदारियां हैं उन्होंने घर भी संभालना है ताकि वे अपने परिवार को भी देख सकें, उनकी सही तरह से देखभाल कर सके। इसलिए टीचिंग लाइन को कभी कम नहीं आंकना चाहिए। आप लड़कियों में हीन भावना न आने दें। लड़कियां खुद को अपनी ढाल बनाएं।

प्रश्न : सबसे पहले बात प्रोमिला जी से, आप डायरेक्टर हैं। ये जो पोस्ट हैं, ऐसे ही नहीं मिलती, खासकर महिलाओं की बात करें तो। न केवल समाज में एक अलग ही नजरिए से उसे देखा जाता है बल्कि यह भी मानते हैं कि एक बहुत लम्बा संघर्ष रहा होगा। आप से जानना चाहेंगे कि यहां तक पहुंचने में आपका सफर एक महिला के तौर पर कैसा रहा?

उत्तर : बेवक्त, बेवजह, बेहिसाब, यूं ही मुस्करा देती हूं, आधे दुश्मनों को यूं ही मार गिरा देती हूं। मेरी जिंदगी में यहां तक के सफर में मेरे पिता ही मेरे आइडियल रहे हैं। वे शारीरिक रूप से मेरे पास नहीं हैं लेकिन अभी भी उनके आत्मा, परमात्मा और आशीर्वाद मेरे साथ ही है। उन्होंने मुझे बेटी नहीं, बेटा मानकर पाला। मैं 7वीं कक्षा में थी, तब से बुलेट बाइक चलाती हूं। मेरे पिता पुलिस आॅफिसर थे, इसलिए उन्होंने मुझे हमेशा अनुशासन में रहना सिखाया।

एक बार बारिश हो रही थी और बाहर उनकी जिप्सी खड़ी थी। मैंने कहा, मुझे स्कूल छुड़वा दो। वो अंदर गए और रेन कोर्ट ले आए। कहा कि ये पहनो, साइकिल उठाओ और स्कूल जाओ। तो ये चीजें मेरे पिता ने मुझमें कूटकूट कर भरी हैं। मेरा सभी से अनुरोध है कि बेटियों को कभी भी पीछे न रखें। अगर बेटा अंश है तो बेटी वंश है।

प्रश्न : क्योंकि आप प्रिंसीपल हैं, अक्सर देखा है कि टीचर्स में फीमेल का रेशियो ज्यादा होता है, लेकिन प्रिंसीपल की बात करें तो ज्यादातर मेल प्रिंसीपल होते हैं। लेकिन ज्यादातर अभिभावक आज भी ये सोचतें हैं कि उनकी बेटियों के लिए टीचर की जॉब ही बेस्ट है। अगर वो दूसरा करियर सोचती भी हैं तो मना कर दिया जाता है। इस सोच से आप कितना सहमत हैं?

उत्तर :  हम महिला सशक्तिकरण को लेकर बात कर रहे हैं। मैं हमेशा ये अच्छा मानती हूं कि टीचर की जॉब में लड़कियां आएं। लेकिन मैं पर्सनल एक्सपीरियंस आपसे शेयर करती हूं। मेरी बेटी आजकल इंडियन आॅयल में आॅफिसर हैं। जब वह कॉलेज में पढ़ती थी तो मैं उसे बोलती थी कि बेटे आप टीचिंग लाइन में जाइए, ये बहुत अच्छा आपके लिए रहेगा। लेकिन न जाने क्यों इस बात से खफा हो जाती थी कि मोम आप ये बात क्यों बोलती हो?

उसे लगता था कि जो पढ़ाई में पीछे रह गए हैं, वो ही इस फील्ड में जाएंगे, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। शिक्षा का पेशा लड़कियों के लिए सबसे सुरक्षित है। उनको घर भी संभालना है। लेकिन कंपनियों में जो लड़कियां काम करती हैं तो इनमें बहुत लम्बी डयूटी होती है जिस कारण घर पर ज्यादा वक्त लड़कियां टाइम नहीं दे पात है। इसलिए मेरे हिसाब से टीचिंग लाइन गर्ल्स के लिए बहुत बेहतर है और इसे कभी भी कम हीं आंकना चाहिए। ऐसा कभी नहीं होता कि कोई और काम न मिला तो टीचर बन गए।

प्रश्न : आपके जीवन भी काफी संघर्षभरा रहा है। आपका जो एक्सपीरियंस है, आपने कैसी और किस तरह की परेशानियां देखी हैं यहां तक पहुंचने में?

उत्तर : मैं एक साधारण से परिवार और छोटे से गांव से हूं। झज्जर जिले का बांकरा गांव है। 10वीं कक्षा पास करते ही मेरी शादी कर दी गई। मेरे पिता आर्मी में थे। मेरे पति एग्रीकल्चर विभाग में थे। कुछ समय बाद परिवार से अलग कर दिया गया। अपने बच्चों के भविष्य के लिए कुछ रास्ता नजर नहीं आ रहा था तो मैंने सरकारी योजनाओं से जुड़कर ट्रेनिंग ली और एक सेल्फ एक्ट ग्रुप बनाया। मैंने उन महिलाओं को साथ लिया जो अपने समय में पढ़-लिख नहीं पाई और आज वे भी अंग्रेजी बोलती हैं। इन महिलाओं के पास आमदनी का भी कोई साधन नहीं था।

हम किसानों से सीधा अनाज लेते हैं और उन्हीं के हम प्रोडक्ट बनाते हैं। जिस समय में लोग जो चीजें खाते थे, बीमार नहीं होते थे, क्योंकि वे रागी, ज्वार, बाजरा, जौं की रोटियां खाते थे। लेकिन आज हर किसी को बीमारी है। हमने सोचा कि हम क्यों न उन्हीं चीजों को वापस लाएं और अपनाएं ताकि लोगों का स्वास्थ्य भी ठीक रहे और आमदनी भी हो। इसी कड़ी में आज गांव की 150 महिलाओं को साथ में जोड़ा है और उनको सेल्फ डिपेंड बनाया है।

Also Read: India News हरियाणा के मंच पर बोलीं Renu Bhatia, महिलाओं को अंदर से मजबूत होने की है जरूरत

Also Read: Shraddha Murder Case: आज होगा आरोपी आफताब का नार्को टेस्ट, 29 नवंबर को हत्या की बात की थी कबूल

Akanksha Gupta

Recent Posts

बोर्ड ने जारी की Date! UP Police Bharti के लिए इस दिन शुरू होगा Physical Test

India News (इंडिया न्यूज), UP Police Bharti: उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्‍टेबल भर्ती को लेकर बड़ा…

45 seconds ago

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संगम में लगाई डुबकी, महाकुंभ के छठे दिन 20 लाख श्रद्धालुओं ने किया स्नान

India News (इंडिया न्यूज),Mahakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के छठे दिन संगम तट…

3 minutes ago

हेयर स्टाइलिश, पर्सनल शेफ और… इन सब से तंग आकर BCCI को उठाना पड़ा बड़ा कदम, नहीं चलेगी खिलाड़ियों की मनमानी

टीम इंडिया में स्टार कल्चर पूरी तरह हावी था। सीनियर खिलाड़ी अपनी मनमानी कर रहे…

9 minutes ago

रात में अचानक लड़का बन जाती है ये महिला, अंधेरे में करती है ऐसा काम, वीडियो लीक हुआ तो खुला हैरत अंगेज राज

Bizarre News: अमेरिका के वर्जीनिया की रहने वाली क्लेयर विकॉफ अक्सर रात को पुरुष बनकर…

11 minutes ago