कई राज्यों ने जताया विरोध
इंडिया न्यूज, लखनऊ:
(Proposal To Keep Petrol Under GST) पेट्रोल और डीजल GST की परिधि से बाहर ही रहेंगे। लखनऊ में आयोजित GSTकाउंसिल की बैठक में पेट्रोल और डीजल को GST में रखने का विरोध हुआ है। GST काउंसिल की 45वीं बैठक में पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने के नाम पर कई राज्य इसके विरोध में खड़े हो गए।
इनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल समेत ज्यादातर राज्यों ने कहा कि पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे से बाहर ही रखा जाएं। इसलिए अब पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने का प्रस्ताव खारिज हो सकता है। यदि पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाया जाता तो महंगाई से त्रस्त जनता को काफी राहत मिल जाती। पेट्रोल 28 रुपए और डीजल 25 रुपए तक सस्ता हो जाता।
वहीं बैठक में बायोडीजल पर जीएसटी घटाकर 5 फीसदी करने को मंजूरी मिली है। मेटल पर GST 5% से बढ़ाकर 18% करने पर भी फैसला हुआ है। GST काउंसिल की बैठक में 50 से ज्यादा वस्तुओं पर टैक्स दरों की समीक्षा की गई। इसके बाद 11 कोविड दवाओं पर टैक्स छूट को 31 दिसंबर तक बढ़ाया जा सकता है। बैठक में बिहार के उप मुख्यमंत्री राज किशोर प्रसाद, दिल्ली के मनीष सिसोदिया, अरुणाचल प्रदेश के चौना मेन, मणिपुर के युमनाम जोए कुमार सिंह, गुजरात के नितिन पटेल, हरियाणा के दुष्यंत चौटाला और त्रिपुरा के जिष्णु देव वर्मा शामिल हुए।