India News (इंडिया न्यूज), Puja Khedkar Controversy: केंद्र सरकार ने सिविल सेवा परीक्षा में ओबीसी और विकलांगता कोटे के लाभों का दुरुपयोग करने की आरोपी पूर्व प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा से बर्खास्त कर दिया है। 6 सितंबर को आये आधिकारिक आदेश के अनुसार, खेडकर को आईएएस (प्रोबेशन) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत बर्खास्त किया गया है। बता दें कि, पूजा खेडकर ने 2020-21 तक पूजा दिलीपराव खेडकर नाम से ओबीसी कोटे के तहत परीक्षा दी थी। 2021-22 में सभी प्रयासों को समाप्त करने के बाद वह ओबीसी और पीडब्ल्यूबीडी (बेंचमार्क विकलांग व्यक्ति) कोटे के तहत परीक्षा में शामिल हुईं। इस बार पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर नाम का इस्तेमाल किया। वह 821 रैंक के साथ परीक्षा पास करने में सफल रहीं।
यूपीएसी पहले ही कर चुकी है बर्खास्त
बता दें कि, यूपीएससी ने 31 जुलाई को खेडकर की अंतरिम उम्मीदवारी रद्द कर दी और उन्हें भविष्य की किसी भी परीक्षा या चयन में शामिल होने से रोक दिया। वहीं अब यह निर्णय तब लिया गया जब खेडकर को अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने और सीएसई (सिविल सेवा परीक्षा) 2022 नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया। जिसमें अपनी पहचान को गलत तरीके से पेश करना भी शामिल है। यूपीएससी ने भी खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और जालसाजी के लिए आपराधिक मामला शुरू किया। इसके बाद, खेडकर ने यूपीएससी द्वारा उनकी अनंतिम उम्मीदवारी रद्द करने के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
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अदालत में क्या बोलीं पूजा खेडकर?
इससे पहले पूजा खेडकर ने गुरुवार (5 सितंबर) को दिल्ली हाई कोर्ट में कहा था कि वह एम्स में अपनी विकलांगता की जांच कराने को तैयार हैं। पूजा खेडकर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने दावा किया कि पुलिस ने मामले में दायर अपनी स्थिति रिपोर्ट में उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने के लिए दबाव नहीं डाला है। वैसे भी इसकी आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि अधिकारियों के पास सभी रिकॉर्ड उपलब्ध हैं।
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