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Pulwama Attack : पुलवामा अटैक को बीते 5 साल, अब तक नहीं भरे घाव; जानिए क्या हुआ उस दिन 

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : February 14, 2024, 7:17 am IST

India News (इंडिया न्यूज), Pulwama Attack 5th Anniversary: पुलवामा में हुए हमले को पांच साल गुजर चुके हैं, लेकिन इसके जख्म आज भी हर भारतीयों के दिल में ताजा हैं। ये वही हमला था जिसके बाद देशवासियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया था। इसको लेकर खुद पीएम मोदी ने देशवासियों से वादा किया था कि ‘सभी आंसुओं का बदला लिया जाएगा’। पीएम मोदी ने सशस्त्र बलों को यह तय करने की पूरी आजादी दी थी कि दुश्मन के खिलाफ कब और कैसे जवाबी कार्रवाई करनी है। जिसक बाद ठीक 12 दिन बाद भारत ने पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 वीर सपूतों की शहादत का बदला लिया था और भारतीय वायुसेना के विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर सबको हिला दिया था।

क्या हुआ था उस दिन?

14 फरवरी की सुबह सीआरपीएफ का 78 बसों का काफिला जम्मू से श्रीनगर के लिए रवाना हुआ। इस काफिले में 2500 से ज्यादा जवान शामिल थे। आतंकियों के पास सेना के इस काफिले के बारे में पुख्ता जानकारी थी। हमले की साजिश महीनों पहले ही शुरू कर दी गई थी और जब 3 बजे काफिला पुलवामा से गुजरा तो आतंकी आदिल अहमद डार कार लेकर काफिले में घुस आया। इस कार में 100 किलो से ज्यादा विस्फोटक मौजूद थे। धमाका इतना तेज था कि काफिले की ज्यादातर बसों के शीशे टूट गए और इसमें कई सैनिक घायल हो गए। सीआरपीएफ की 76वीं बटालियन के 40 वीर सपूत शहीद हो गए। बारूद की गंध कई किलोमीटर तक हवा में मौजूद थी। यह मंजर इतना भयावह था कि देखने वाले भी कांप उठे थे।

पाकिस्तान में रची गई साजिश 

पुलवामा के भयावह हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी। एनआईए ने इस पूरे मामले की जांच की और बताया कि कैसे ISI और पाकिस्तान सरकार की एजेंसियों ने मिलकर हमले की योजना बनाई थी। मसूद अज़हर और उसके भाई अब्दुल रऊफ़ असगर और मौलाना अम्मार अल्वी को मुख्य अपराधी माना गया। इसके अलावा मोहम्मद इस्माइल, मोहम्मद अब्बास, बिलाल अहमद, शाकिर बशीर के नाम भी इसमे शामिल थे।

दहल उठा था बालाकोट 

पुलवामा हमले से न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया सदमे में थी। ये एक ऐसा हमला था कि जिसने न सिर्फ दर्द दिया बल्कि लोगों को दुख और गुस्से से भी भर दिया। 17 फरवरी को खुद पीएम मोदी ने ऐलान किया था कि ‘मैं भी अपने दिल में वही आग महसूस कर रहा हूं जो आपके अंदर जल रही है।’ पीएम मोदी ने कहा था कि, हर आंसू का बदला लिया जाएगा। सेनाओं को जवाबी कार्रवाई के लिए समय और स्थान तय करने की छूट दी गई। 12 दिन बाद 26 फरवरी की रात 3 बजे भारत ने देशवासियों से किया वादा पूरा किया और 12 मिराज 200 लड़ाकू विमान LOC पार कर पाकिस्तान में घुस गए।

भारतीय वायुसेना के जांबाज लड़ाके मिराज 2000 लेकर बालाकोट पहुंच गए और खुफिया इनपुट के आधार पर जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को तबाह कर दिया गया। इस हमले में करीब 300 आतंकी मारे गए। हवाई हमले में कई हजार किलो बम गिराए गए। पीएम मोदी ने इस योजना को अंजाम देने की जिम्मेदारी एनएसए अजीत डोभाल को दी थी।

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