इंडिया न्यूज, नई दिल्ली/चंडीगढ़ :
पंजाब कांग्रेस में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को सबसे पहले पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि देर शाम प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सिद्धू का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। सूत्रों के मुताबिक, हाईकमान ने राज्य के नेताओं से अपने स्तर पर मामला सुलझाने को कहा है।
गौरतलब है कि सिद्धू के समर्थन में सबसे पहले कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने इस्तीफा दे दिया। रजिया ने मंगलवार सुबह ही मंत्री पद संभाला था। वहीं सिद्धू के सबसे करीबी विधायक परगट सिंह भी उनसे मिलने पटियाला रवाना हो गए हैं। रजिया सुल्ताना के इस्तीफे के बाद अब सिद्धू के दूसरे करीबी मंत्रियों पर भी समर्थन दिखाने का दबाव बढ़ गया है। वहीं इस मामले को लेकर सीएम चरणजीत चन्नी ने मंत्रियों की आपात बैठक बुला ली है।
सिद्धू ने सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा था। उन्होंने इसमें लिखा था कि वे पंजाब के भविष्य से समझौता नहीं कर सकते। समझौता करने से इंसान का चरित्र खत्म होता है। उन्होंने कहा, मैं कांग्रेस के लिए काम करता रहूंगा। सिद्धू को 18 जुलाई को ही पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था। सिद्धू के मीडिया एडवाइजर सुरिंदर डल्ला ने कहा कि नवजोत सिद्धू सैद्धांतिक राजनीति कर रहे हैं। नई सरकार ने कांग्रेस हाईकमान के नए 18 सूत्रीय फॉमूर्ले पर कोई काम नहीं किया। पिछले 5 दिनों में नई सरकार में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला।
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