PSEB News: पंजाब के प्राइवेट स्कूलों का पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड (पीएसईबी) से मोहभंग होता जा रहा है। पीएसईबी के कठिन नियम और ज्यादा फीस के चलते निजी स्कूल तेजी से सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड से एफीलिएशन ले रहे हैं। 7 साल में 232 स्कूलों ने पीएसईबी से नाता तोड़ कर सीबीएसई से मान्यता ले ली है।
प्रदेश के 6500 में से 2598 स्कूल अब पीएसईबी से जुड़े रह गए हैं। जबकि 56 फीसदी प्राइवेट स्कूल सीबीएसई और आईसीएसई से जुड़ चुके हैं। एक तरफ प्राइवेट स्कूल पीएसईबी और शिक्षा विभाग की असंख्य शर्तों और अधिक फीसों से परेशान हैं, वहीं बच्चों के मां-बाप भी अब स्कूलों में सीबीएसई सिलेबस की मांग कर रहे हैं। क्योंकि, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेस सिलेबस भी सीबीएसई करीकुलम के ही होते हैं। यही नहीं, पीएसईबी की मार्किंग सीबीएसई के मुकाबले काफी सख्त है।
मां-बाप कर रहे CBSE करीकुलम की डिमांड
पेरेंट्स का कहना है कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेस सिलेबस CBSE करीकुलम ही है। ऐसे में CBSE करीकुलम से पढ़े बच्चे इंजीनियरिंग, मेडिकल आदि कोर्सेज में दाखिले के लिए विभिन्न एंट्रेंस एग्जाम में PSEB के स्टूडेंट्स के मुकाबले काफी अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं।
56 फीसदी स्कूल CBSE-ICSE से जुड़े
पीएसईबी प्राइवेट स्कूलों से एफीलिएशन फीस, वार्षिक फीस, स्टूडेंट्स की एग्जामिनेशन फीस ज्यादा वसूलता है। दूसरा प्रमुख कारण PSEB के मुकाबले सीबीएसई की लिबरल मार्किंग भी है। सीबीएसई के कई स्टूडेंट हर साल 100 फीसदी अंक लेने में सफल रहते हैं, जबकि PSEB में ऐसा दुर्लभ ही माना जाता है।
क्यों छूट रहा PSEB का साथ
एफीलिएशन के नियम ज्यादा सख्त, CBSE के मुकाबले प्राइवेट स्कूलों से एफीलिएशन फीस और एग्जामिनेशन चार्जेस ज्यादा ले रहा
PSEB से संबंधित स्कूल
2022-23 2598, 2021-22 2616, 2020-21 2657, 2019-20 2751, 2018-19 2870, 2017-18 2908, 2016-17 2813, 2015-16 2834
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