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Rae Bareli: कांग्रेस का गढ़ माना जाने वाला रायबरेली सीट का क्या है इतिहास, जानें

Divyanshi Singh • LAST UPDATED : February 12, 2024, 9:20 pm IST

India News (इंडिया न्यूज), Rae Bareli: उत्तर प्रदेश का रायबरेली लोकसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। इस सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का कब्जा था। पिछले लगातार चार आम चुनावों में यह सीट कांग्रेस के पास रही है और इसका प्रतिनिधित्व यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी करती हैं। रायबरेली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें बछरावां, हरचंदपुर, रायबरेली, सरेनी और ऊंचाहार शामिल हैं।

सोनिया गांधी फिलहाल रायबरेली से सांसद हैं। सोनिया बीते चार चुनाव में यहां से जीतती रही हैं। उनको हर चुनाव में यहां 50 फीसद से ज्यादा वोट मिले हैं। ये सीट ऐतिहासिक तौर पर कांग्रेस के पास ही रही है।

66 साल तक कांग्रेस के पास रही रायबरेली की सीट

देश में अब तक हुए 17 लोकसभा चुनाव में 3 चुनाव छोड़ दें तो ये सीट हर बार कांग्रेस के पास रही है। देश के 72 साल के चुनावी इतिहास में उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट 66 साल तक कांग्रेस के पास रही है।

2014 के आम चुनाव में सोनिया गांधी ने बीजेपी के अजय अग्रवाल को 3,52,713 वोटों के अंतर से हराया था। सोनिया गांधी को जहां 5,26,434 वोट मिले थे, वहीं अजय अग्रवाल को 1,73,721 वोट मिले थे। 2009 में सोनिया गांधी 4,81,490 वोट पाकर चुनी गईं। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के आर.एस.कुशवाहा थे जिन्हें 1,09,325 वोट मिले।

इस सीट में सबसे पहला लोकसभा का चुनाव साल 1957 में हुआ था। इसके बाद 1960 में फिर उपचुनाव हुए। 1971 के आम चुनाव में, रायबरेली सीट इंदिरा गांधी ने जीती, जिन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी राज नारायण को हराया। राज नारायण ने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उन्होंने ही इंदिरा गांधी पर चुनाव प्रचार के लिए सरकारी संसाधनों के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए चुनाव याचिका दायर की थी।

1975 में लागू हुआ आपातकाल 

1975 में, चुनाव के चार साल बाद, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने लोकसभा के लिए इंदिरा गांधी के चुनाव को शून्य घोषित कर दिया, जिसके कारण 1975 में आपातकाल लागू हो गया।

इसके बाद राज नारायण ने 1977 में हुए आम चुनाव में जीत हासिल की। इस बार उन्होंने बीएलडी के टिकट पर चुनाव लड़ा।1980 में इंदिरा गांधी दोबारा सत्ता में लौटीं।उन्होंने कांग्रेस (इंदिरा) के टिकट पर रायबरेली से चुनाव लड़ा। 1984 में कांग्रेस के अरुण कुमार नेहरू रायबरेली से चुने गए। फिर 1989 और 1991 में शीला कौल ने कांग्रेस के लिए रायबरेली सीट जीती।

1996 में यह सीट भाजपा उम्मीदवार अशोक सिंह के पास चली गई, जो 1998 के आम चुनाव में फिर से चुने गए। 1999 में यह सीट वापस कांग्रेस के पास चली गई, जिसके उम्मीदवार कैप्टन सतीश शर्मा संसद के लिए चुने गए।

साल 2004 के चुनाव में सोनिया गांधी पहली बार यहां से कांग्रेस की सांसद के तौर पर चुनी गईं। सोनिया गांधी ने यहां से 2006 का उप-चुनाव और फिर लगातार 2009, 2014 व 2019 का आम चुनाव जीता।

रायबरेली सीट पर अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा 

चुनाव आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, रायबरेली सीट पर अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। रायबरेली में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की कुल संख्या 34 फीसदी है। 20 फीसदी आबादी ऊंची जातियों की है। जिनमें से कुल 11 फीसदी ब्राह्मण और 9 फीसदी ठाकुर मतदाता हैं। 7 फीसदी यादव समुदाय के वोटर हैं। लोधी और कुर्मी मिलकर 10 फीसदी मतदाता हैं। यहां 6 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। इसके अलावा 23 फीसदी अन्य समुदाय के मतदाता हैं।

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