Rahul Bajaj Most Successful Industrialists
इंडिया न्यूज, मुंबई:
Rahul Bajaj Most Successful Industrialists भारत के सफलतम उद्योगपतियों में शामिल बजाज मोटर्स के संस्थापक राहुल बजाज ने कंपनी को बुलंदियों तक पहुंचाया। नब्बे के दशक में जब भारतीय दोपहिया वाहनों को जापान की कंपनियों से टक्कर मिली, ऐसे समय में उन्होंने कंपनी को आगे बढ़ाया। नब्बे के दशक में भारत में उदारीकरण (liberalization) का दौर शुरु हुआ था और देश एक खुली इकोनॉमी की तरफ जाने लगा था। ऐसे में जापान से टक्कर मिलने के बाद राहुल बजाज ने कंपनी को बुलंदियों पर पहुंचाया। गौरतलब है कि आज उनका 83 साल की उम्र में पुणे में निधन हो गया। वह लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे।
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कारोबार 7 करोड़ से 12,000 तक करोड़ पहुंचाया
यह राहुल बजाज ही थे जिनकी बदौलत बजाज समूह की अग्रणी कंपनी आटो बजाज का कारोबार आज 12,000 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। किसी समय कंपनी का कारोबार 7.2 करोड़ रुपए। कंपनी के प्रोडक्ट्स का पोर्टफोलियो भी पीछे नहीं है। यह भी काफी आगे बढ़ चुका है। राहुल बजाज की लीडरशिप (Rahul Bajaj leadership) में ही बजाज आटो के प्रोडक्ट्स को विश्व स्तर पर जगह मिली।
बेबाक टिप्पणियों के काफी जाने-जाते थे स्वतंत्रता सेनानी जमनालाल बजाज के पोते राहुल बजाज
सामाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी जमनालाल बजाज के पोते थे राहुल बजाज अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए वह काफी मशहूर थे। हमेशा कोई भी बात खुलकर बोलते थे। कभी झिझकते नहीं थे। वर्ष 2019 की बात है जब मुंबई में एक कार्यक्रम चल रहा था और समारोह में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मौजूद थीं।
उस दौरान उन्होंने सबके सामने कह दिया था कि सरकार की आलोचना को लेकर उद्योगपतियों में कितना डर है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा था, हमारे दिमाग में डर का यह माहौल, पक्के तौर पर घर किए हुए है। उन्होंने कहा था कि केन्द्र सरकार बेहतर काम कर रहे है, पर फिर भी हमारे अंदर यह विश्वास नहीं है कि सरकार के मंत्री हमारी आलोचना की तारीफ करेंगे।
1965 में संभाली कमान, बजाज चेतक स्कूटर निकाला
राहुल बजाज ने ऐसे समय में आटो बजाज की कमान संभाली जब देश में अर्थव्यवस्था की हालत सही नहीं थी। ऐसे कह सकते हैं कि अर्थव्यवस्था बंद पड़ी थी। 1965 उन्होंने कमान संभालने के बाद बजाज चेतक स्कूटर निकाला। यह स्कूटर काफी मशहूर हुआ। यह भारत के मध्यम वर्ग से जुड़े परिवारों की आकांक्षा का सूचक माना गया। इसके बाद कंपनी लगातार आगे बढ़ती चली गई।
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