Rahul Gandhi Disqualified: कांग्रेस पार्टी के सांसद राहुल गांधी को लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है। यह फैसला उनकी ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद लिया गया है। लोकसभा सचिवालय ने अपने बयान में कहा है कि केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है। जन-प्रतिनिधि कानून के इस प्रावधान की गाज बड़े-बड़े नामों पर गिरी है, लिस्‍ट देखिए।

लालू प्रसाद यादव
लालू यादव को 2013 में चारा घोटाले से जुड़े मामले में सजा हुई थी। इसके बाद उनको अयोग्य घोषित कर दिया गया था। बता दें कि लालू यादव पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार के मुख्‍यमंत्री रह चुके हैं।

आजम खान
उत्‍तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की रामपुर सदर विधायकी छिन गई। विधायकी छिन जाने की वजह रही पिछले साल हेट स्‍पीच के मामले में सजा।

जयललिता
तमिलनाडु की दिवंगत मुख्‍यमंत्री जे. जयललिता को दो-दो बार विधायकी गंवानी पड़ी। पहली बार 2002 में भ्रष्‍टाचार के मामले में उन्‍हें सजा हुई। इसके बाद 2014 में आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी करार दिया गया।

कुलदीप सिंह सेंगर
उन्‍नाव से बीजेपी विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर को तीन साल पहले बलात्‍कार के मामले में सजा हुई। सजा होते ही वह अयोग्‍य हो गए।

यूपी के ये नेता हो चुके हैं डिसक्वालिफाई
अदालत से पाकर अयोग्‍य होने वालों में उत्‍तर प्रदेश के नेताओं की लंबी फेहरिस्‍त है। 2013 में कांग्रेस के राज्‍यसभा सांसद रशीद मसूद को करप्‍शन केस में सजा हुई। 2015 में बीजेपी के बजरंग सिंह की विधायकी गई। आजम खां के बेटे को एक केस में 2020 और दूसरे में 2022 में सजा हुई। इसके अलावा बीजेपी के विक्रम सैनी, खब्‍बू तिवारी, अशोक चंदेल को भी विधायकी गंवानी पड़ी।

केरल और हरियाणा के नेताओं का क्‍या रहा हाल
हरियाणा से कांग्रेस विधायक रहे प्रदीप चौधरी को 2021 में दंगों से जुड़े मामले में सजा हुई थी। वहीं, केरल से CPM के पी. जयराजन (2001 में चुनाव नियमों के उल्‍लंघन) और ए. राजा (चुनाव फ्रॉड, 2023 में) को सजा हुई। इसके अलावा पीसी थॉमस और केएम शाजी को भी सजा के चलते विधायकी गंवानी पड़ी।

जा चुकी है कर्नाटक के दो विधायकों की सदस्‍यता
कर्नाटक में अब तक दो विधायकों को अयोग्‍य करार दिया गया है। पहली बार 1973 में चुनाव नियमों के उल्लंघन पर वतल नागराज डिसक्वालिफाई हुए थे। फिर 2002 में बीजेपी के सुभाष कल्‍लूर भी इसी वजह से अयोग्य घोषित किए गए।

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