India News (इंडिया न्यूज़), Rahul Gandhi : Reported by Alok Mehta राहुल गांधी को सवाल करना पसंद है या सवाल सुनना ? वह राजनीतिक मंजिल के लक्ष्य से पहले राह और पद क्यों बदल लेते हैं ? इस तरह की बातों पर राहुल गांधी द्वारा बहुत पहले कही गई बात ध्यान में आती है। असल में उनको दिल्ली के प्रतिष्ठित स्टीफंस कॉलेज में स्पोर्ट्स कोटे में 1989 में प्रवेश मिला था। लेकिन एक वर्ष तीन महीने में उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया। राहुल ने स्वयं यह बताया कि ‘स्टीफंस कॉलेज में उन्हें सवाल पूछने के मौके नहीं दिए जाते थे, यह मुझे नागवार लगा ‘ जबकि कॉलेज के प्रिंसिपल वैसों थम्पू ने राहुल के इस आरोप को गलत बताया। उनका कहना था कि ‘कॉलेज में तो 36 क्लब और फोरम रही हैं।
राहुल तो किसी में हिस्सा नहीं लेते थे और केवल खेल की गतिविधि में रूचि ले रहे थे। ‘ बहरहाल फिर परिवार ने राहुल को अमेरिका की हारवर्ड यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स विभाग में भर्ती करवाया। लेकिन एक साल बाद उन्होंने फिर कॉलेज बदला और फ्लोरिडा के रोल्लिंस कॉलेज में प्रवेश लिया, जहाँ से राहुल गांधी ने इंटरनेशनल रिलेशन्स की स्नातक डिग्री ली। बाद में वह ब्रिटैन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज में कानून की पढाई करने गए। आजकल इसी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में कुछ संस्थाओं के प्रायोजित कार्यक्रमों में चुनावों से पहले भाषण देने जाते हैं और भारत में लोकतंत्र के लिए खतरों के साथ अपने राजनीतिक प्रयासों को चुनिंदा श्रोताओं को सुनाते हैं। इस फरवरी महीने के अंतिम दिनों में अपनी ‘ भारत न्याय यात्रा को रोककर वहीं भाषण देंगें।
ये भी पढ़ें- Maldives की पूर्व रक्षा मंत्री बोलीं- हम यहां गलत वजहों से चर्चा में, भारत के लिए कहीं बड़ी बात
लोकतंत्र में राहुल गाँधी को भारत या देश के बाहर कहीं भी जाकर अपनी बात कहने का अधिकार है। लेकिन भारत में उनसे जब पत्रकार सवाल पूछते हैं , तो वह कई बार गुस्से में स्वयं सवाल करते हैं – ” आपका क्या नाम है ? आपके मालिक का नाम क्या है ? कौन आपमें दलित या पिछड़ी जाति के हैं ? मोदी सरकार में पिछड़ी जाति के कितने सचिव हैं ? ” पता नहीं उनसे किसी कॉलेज या कांग्रेस पार्टी अथवा विदेशों में किसी ने उनसे उनकी जाति या उनके वरिष्ठ नेताओं डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद से लेकर डॉक्टर शंकर दयाल शर्मा , प्रणव मुखर्जी , मोतीलाल वोरा या वर्तमान सलाहकार जयराम रमेश , के वेणुगोपाल , रणदीप सुरजेवाला , सचिन राव , कनिष्क सिंह आदि की जाति पूछी हो ?
राहुल गाँधी ने नेहरू द्वारा स्थापित नेशनल हेराल्ड नवजीवन अख़बारों की कम्पनी को अपनी नव स्थापित यंग इण्डिया में मिला लिया और उसकी संपत्ति आदि को लेकर क़ानूनी विवाद अदालत में चल रहे हैं , लेकिन क्या उन्होंने इन अख़बारों के पूर्व और वर्तमान सम्पादकों की सूची भी देखी है ? कितने पिछड़े वर्ग की जाति के थे और अब भी हैं ? जो भी है किसी योग्यता के आधार पर हैं। जो भी हो राहुल गांधी को चुनावी राजनीति के लिए पिछड़े वर्ग की जातियों की नौकरियों और उन्हे आरक्षण का लाभ दिलाना आवश्यक लग रहा है।
ये भी पढ़ें- Indian Railways: बिना लोको पायलट के 80 किमी तक चली मालगाड़ी, सोशल मीड़िया पर वीडयो वायरल
यही नहीं जो कांग्रेस पार्टी दशकों तक उत्तर प्रदेश की मुलायम अखिलेश यादव की पार्टी या बिहार के लालू यादव की पार्टी और सरकारों के भ्रष्टाचार को लेकर लड़ती रही अब उनके सहारे अपने कुछ चुनाव क्षेत्रों में सफलता की इज्जत बचाने के लिए गठबंधन कर रही है। राहुल स्वयं सबसे अपनापन दिखा रहे हैं। लालू यादव को चुनावी राजनीति के लिए मनमोहन सिंह सरकार द्वारा लाए गए क़ानूनी प्रस्ताव को राहुल गाँधी ने पत्रकार सम्मेलन में फाड़कर अपने प्रधान मंत्री की इज्जत ख़राब कर दी थी ।
यों राहुल गाँधी को किशोर – युवा प्रारंभिक काल में पिस्तौल शूटिंग , बॉक्सिंग और पैरा ग्लाइडिंग का शौक रहा है , जिनमें फुर्ती से पैंतरा बदलना या उड़ान भरना होता है। लेकिन राजनीतिक जीवन में इस तरह के बदलाव या भटकाव अधिक लाभदायक साबित हो सकते हैं। राजीव गाँधी और कांग्रेस से विद्रोह कर प्रधान मंत्री बनने वाले विश्वनाथ प्रताप सिंह मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करने और पिछड़ों को आरक्षण के मसीहा बनने की कोशिश के बाद कितने वर्ष सत्ता में रह सके ? उत्तर प्रदेश बिहार और में मायावती पिछड़े दलित या यादव परिवार वोट बैंक से हाल के वर्षों में कितना लाभ पा रहे हैं ? आख़िरकार , राजनैतिक दलों को सभी वर्गों , जातियों , सम्प्रदायों के सामजिक आर्थिक विकास के कार्यक्रमों और उनके क्रियान्वयन के आधार पर वोट मिलते हैं।
ये भी पढ़ें-Pakistan: 13 साल के पाकिस्तानी बच्चे ने की ये अजीब जिद्द, मजबूर हुआ परिवार
जहाँ तक पिछड़ों के आरक्षण की बात है पहले प्रधान मंत्री पंडित नेहरु तो प्राम्भिक वर्षों में भी जातीय जन गणना के पक्ष में नहीं थे। इंदिरा गाँधी भी जातीय आधार पर आरक्षण के पक्ष में नहीं रही। राहुल गाँधी के पिता श्री और तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी आरक्षण के प्रावधानों को बढ़ाने के बहुत विरोधी थे । सत्ता में रहते हुए 2 मार्च 1985 को एक लम्बे इंटरव्यू में मुझसे कहा था – ” मैं यह मनाता हूँ कि आरक्षण की पूरी नीति पर ही नए सिरे से विचार होना चाहिए। सामाजिक समस्या के समाधान के लिए पैतीस वर्ष पहले यह व्यवस्था की गई थी।
अब उसका राजनीतिकरण हो गया। अल्पकालीन राजनीतिक उद्देश्य के लिए इसका उपयोग हो रहा है। हमारा समाज बहुत बदल गया है, समाज में बहुत बदलाव आया है, तरक्की हुई है। शिखा का विकास हुआ है। इसलिए समय आ गया है कि इस नीति और सुविधाओं पर पुनः विचार करना है। हमें वास्तविक दबे पिछड़ों को के लिए आरक्षण रखना होगा , लेकिन यदि इसका विस्तार होगा तो योग्य लोग कहीं नहीं आ पाएंगे। हम अति सामान्य बुद्धू लोगों को बढ़ा रहे होंगें।
” इस तीखी बात के साथ यह इंटरव्यू देश के प्रमुख अख़बार नव भारत टाइम्स में प्रमुखता के साथ छपा था। राहुल उस समय मास्टर राहुल के रूप में उनके साथ यात्रा भी करते थे। तब शायद यह बातें सुन समझ न सके हों , लेकिन बीस वर्ष पहले राजनीति में आने के बाद अपने परिवार और पार्टी के विचारों को कुछ तो जान समझ सके होंगे।
ये भी पढ़ें-PM Modi: पीएम मोदी ने द्वारका में लगाई डुबकी, भगवान श्री कृष्ण का किया अराधना
यही बात बड़े पूंजीपतियों के नाम लेकर माओवादी कम्युनिस्ट नेताओं की तरह वर्तमान सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाते समय यह कैसे भूल जाते हैं कि राजीव गाँधी , नरसिम्हा राव , मनमोहन सिंह के सत्ताकाल में इन्ही पूंजीपतियों और उनकी कंपनियों का विस्तार और लाभ हुआ है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दस वर्षों के दौरान देशी विदेशी पूंजी निवेश करवाने के प्रयास से आर्थिक प्रगति के असाधारण रास्ते खोल दिए हैं। मोदी सरकार और भाजपा की नीतियों और कार्यों का विरोध करने का अधिकार राहुल गांधी सहित किसी भी नेता या पार्टी संगठन को है। लेकिन अपने दामन और पुराने रिकॉर्ड पर भी ध्यान देना चाहिए।
India News (इंडिया न्यूज),Delhi Crime News: दिल्ली के बाहरी उत्तरी जिले में एंटी नारकोटिक्स सेल…
दुनिया के 9 देशों के पास परमाणु हथियार हैं। इसमें अमेरिका, रूस, इंग्लैंड, फ्रांस, चीन,…
India News HP (इंडिया न्यूज), Himachal Mosque Controversy: हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी छोटी काशी…
India News (इंडिया न्यूज), Mainpuri Crime: मैनपुरी से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने…
मरते समय कैसी हो जाती है शरीर की हालत? किस तरह से आखिरी समय में…
India News (इंडिया न्यूज),Arvind Kejriwal News: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के…