India News (इंडिया न्यूज़), Rahul Gandhi: भारतीय राजनीति जगत में विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी एक सशक्त चेहरा हैं, जिन्होंने पिछले तीन लोकसभा चुनावों में अपनी दावेदारी पेश करने की जी जान कोशिश की है, लेकिन वह अभी तक सफल नहीं हो सके। कांग्रेस पार्टी और पार्टी कार्यकर्ता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनते देखने के लिए बेहद उत्सुक हैं, लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी है। ऐसे में यह जिज्ञासा होना स्वाभाविक है कि क्या राहुल गांधी कभी प्रधानमंत्री बनेंगे? आइए ज्योतिष के दिव्य प्रकाश से भविष्य के गर्भ में झांकने का प्रयास करते हैं तो जानते हैं की क्या कि क्या राहुल गांधी कभी प्रधानमंत्री बनेंगे या नहीं?
- राहुल गांधी की जन्म कुंडली
- क्या राहुल गांधी की कुंडली में प्रधानमंत्री बनने का योग हैं?
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राहुल गांधी की जन्म कुंडली
राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को दोपहर 2:28 बजे दिल्ली में हुआ था। उस समय पूर्वी क्षितिज पर तुला राशि का उदय हुआ था। कुंडली में नीच भंग राजयोग और विपरीत राजयोग बना हुआ है। तुला लग्न के लिए योगकारक शनि अपनी नीच राशि मेष में सप्तम भाव में विराजमान हैं और उनका नीच भंग हो रहा है। द्वादशेश बुध अष्टम भाव में विराजमान हैं, जो विमल नामक विपरीत राजयोग बना रहे हैं। लग्नेश शुक्र प्रगति के दशम भाव में विराजमान हैं तथा नैसर्गिक रूप से शुभ ग्रह बृहस्पति लग्न में विराजमान हैं, जो लगातार निराशाजनक परिणामों के बावजूद राहुल गांधी को संघर्ष करने की शक्ति दे रहे हैं तथा पार्टी का सहयोग भी उन्हें मिल रहा है।
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क्या राहुल गांधी की कुंडली में प्रधानमंत्री बनने का योग हैं?
हमारे देश के सभी प्रधानमंत्रियों की कुंडली में ग्रह योगों में कुछ समानताएं रही हैं। जैसे दशम भाव में दशमेश की स्थिति तथा राजनीतिक शक्ति के कारक सूर्य की दशम भाव में स्थिति। दशम भाव राजनीतिक शक्ति का भाव होता है। लगभग सभी प्रधानमंत्रियों की जन्म कुंडली में दशमेश तथा सूर्य दशम भाव से केंद्र अथवा त्रिकोण भावों में विराजमान हैं। अधिकांश मामलों में दशमेश तथा सूर्य दोनों ही स्थिति अथवा दृष्टि से दशम भाव को प्रभावित करते हैं। लगभग सभी मामलों में बृहस्पति का प्रभाव भी दशम भाव पर पाया गया है। भाग्य के नवम भाव के स्वामी की स्थिति भी लग्न और नवम भाव से बेहतर देखी गई है।
सबसे जरुरी बात यह है कि उन्नति प्रदान करने वाले ग्रहों की दशा, अन्तर्दशा सही समय पर आती है, जिसका निर्णय अंततः भाग्य ही करता है। जिन मामलों में वे प्रधानमंत्री बने, उन सभी में लग्न, पंचम, नवम या दशम भाव के स्वामी ग्रहों की दशा-अन्तर्दशा चल रही थी। अधिकांश मामलों में लग्न से त्रिकोण भावों के स्वामियों की दशा-अन्तर्दशा चल रही थी।
यदि हम इन सभी सिद्धांतों को राहुल गांधी की जन्म कुंडली पर लागू करें, तो इनमें से कोई भी उनकी कुंडली पर लागू नहीं होता है। केवल दशा-अन्तर्दशा का सिद्धांत 2029 में लागू होता प्रतीत होता है। राहुल गांधी की कुंडली में दशमेश चंद्रमा दशम भाव से छठे भाव में है और उसका दशम भाव से कोई संबंध नहीं है। सूर्य दशम भाव से बारहवें भाव में है, जो दशम भाव से अशुभ स्थिति है। बृहस्पति का भी दशम भाव पर कोई सीधा प्रभाव नहीं है। ये सभी नकारात्मक बिंदु हैं, जो उनके प्रधानमंत्री बनने की संभावनाओं को कमजोर करते हैं।
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