देश

रेलवे ने अपने अधिकारियों की ‘मल्टी सोर्स फीडबैक’ तैयार करने का लिया निर्णय

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Railway Officials) : रेलवे ने अपने अधिकारियों की मल्टी सोर्स फीडबैक तैयार करने का निर्णय लिया है। रेलवे ने यह निर्णय आईएएस, आईपीएस के लिए केद्र सरकार द्वारा लागू की गई 360 डिग्री मूल्यांकन प्रणाली से अनुकरण कर ली है। इस नियमानुसार अब रेलवे के जूनियर अधिकारी अपने रिपोर्टिंग अधिकारी के कामकाज का मूल्यांकन करेंगे। इसके साथ ही समकक्ष अधिकारी भी एक-दूसरे के कामकाज का मूल्यांकन करेंगे।

इसे लेकर रेलवे ने बाकायदा सूचना पत्र जारी कर दिया है। रेलवे ने अपनी वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करते समय अधिकारियों की मल्टी सोर्स फीडबैक तैयार करने का निर्णय लिया है।

20,000 अधिकारी जांच के दायरे में आएंगे

अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष रिपोर्टिंग प्राधिकारी और संबंधित सभी अधीनस्थों को एक लिंक भेजेगा। उक्त फीडबैक को अधिकारी के डेटा बेस में गुमनाम रूप से दर्ज किया जाएगा। फीडबैक की जानकारी पूरी तरह गोपनीय होगी। अधिकारियों के एक वर्ग का मानना है कि इस एपीएआर प्रणाली से भारतीय रेलवे में कार्य करने के तरीके में काफी बदलाव आएगा। इसके साथ ही कुछ अधिकारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति भी होगी। एक अधिकारी ने बताया कि इस एपीएआर से करीब 20,000 अधिकारी जांच के दायरे में आएंगे। जिनके कार्याें का मूल्यांकन किया जाएगा।

बदलाव पर कई अधिकारियों ने उठाया सवाल

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस नियम के तहत रेल अधिकारियों के साथ काम करने वाले ठेकेदारों और विक्रेताओं सहित गैर-रेलवे व्यक्तियों से भी उनकी राय ली जाएगी। सूत्रों के अनुसार फीडबैक दर्ज होने के बाद तीन या चार सदस्यीय समिति यह निश्चित करेगी कि अधिकारी को पदोन्नत किया जाए या नहीं। अधिकारियों ने बताया कि अधिकारियों के लिए यह सिस्टम मौजूद है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि समिति के सदस्यों का मूल्यांकन कौन करेगा।

गौरतलब है कि कई अधिकारियों ने इस बदलाव पर भी प्रश्न उठाए है। रेलवे ने आठ कैडर वाली भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा बनाई है। जिसके तहत रेलवे बोर्ड के महाप्रबंधक या अध्यक्ष बनने के नियमों में बदलाव किया गया है। इस बदलाव का उद्देश्य कार्य करने के तौर तरीकों में बदलाव के साथ ही उसमें पारदर्शिता लाना है।

मोदी सरकार ने वर्ष 2015 में शुरू की थी 360-डिग्री मूल्यांकन प्रणाली

गौरतलब है कि वर्ष 2015 में नरेंद्र मोदी सरकार ने 360-डिग्री मूल्यांकन प्रणाली शुरू की थी। इस नियम के अनुसार, वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) एक विशेषज्ञ पैनल की प्रस्तुतियों पर आधारित है। जो सतर्कता विभाग की रिपोर्ट के अलावा अधिकारियों के पूर्ण सेवा रिकॉर्ड और पिछली सभी वार्षिक रिपोर्टों की समीक्षा करेगा। इस प्रक्रिया के दौरान विशेषज्ञों का एक पैनल उम्मीदवार के सहयोगियों-वरिष्ठ और कनिष्ठ कर्मचारियों के अलावा अन्य लोगों के विचारों का मूल्यांकन कर कदम उठाने का प्रावधान है।

ये भी पढ़े :पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा का सपना साकार, अंबाला में लगेगा आईएमटी, युवाओं को रोजगार

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !

Connect With Us : Twitter | Facebook | Youtube

 

Umesh Kumar Sharma

Recent Posts

अफगानिस्तान की इस चीज से मिलती है 100 घोड़े जितनी ताकत, 350 रुपये की कीमत की चीज भारत में है 800 रुपये

अफगानिस्तान की इस चीज से मिलती है 100 घोड़े जितनी ताकत, 350 रुपये की कीमत…

43 minutes ago

Barmer News: राजस्थान में फिर बड़ी लापरवाही, अब150 फीट गहरे बोरवेल में गिरा मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीमें

India News RJ(इंडिया न्यूज)Barmer News: रागेश्वरी थाना क्षेत्र के अर्जुन की ढाणी (छोटू) में बुधवार…

43 minutes ago

खबरदार! घाटी में जारी बर्फबारी के बीच घुस सकते हैं 120 पाकिस्तानी आतंकी? खुफिया जानकारी के बाद हाई अलर्ट पर हैं देश की तीनों सेनाएं

Fear Of Terrorist Attack: पाकिस्तान की आईएसआई द्वारा प्रशिक्षित आतंकी भारत में घुसपैठ की तैयारी…

49 minutes ago