India News (इंडिया न्यूज़), Railways In Kashmir, श्रीनगर: रेलवे कनेक्टिविटी में जम्मू-कश्मीर वर्षों से पिछड़ा रहा है। साल 2014 के बाद से भारतीय जनता पार्टी सरकार ने कश्मीर में रेलवे के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। जुलाई 2014 में 25 किलोमीटर लंबी उधमपुर-कटरा रेलवे लाइन का उद्घाटन करने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को आश्वासन दिया कि कश्मीर को उनके कार्यकाल के दौरान देश के बाकी हिस्सों से जोड़ा जाएगा।
अब पीएम की बात सच होती नजर आ रही है। साल के अंत तक उत्तरी कश्मीर में बारामूला को रेलवे नेटवर्क के माध्यम से कन्याकुमारी से जोड़ा जाएगा। पहले कार्यकाल में पीएम मोदी ने सुनिश्चित किया कि कटरा और बनिहाल के बीच रेल लिंक का काम तेजी से हो जबकि दूसरे कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी ने रेलवे परियोजना को पूरा करने की समय सीमा निर्धारित की जो कश्मीर को सभी मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
कश्मीर को कन्याकुमारी से जोड़ने वाली रेलवे परियोजना की आधारशिला 1997 में रखी गई थी लेकिन परियोजना का काम कछुआ गति से हुआ। 2014 के बाद से सरकार ने इसपर विशेष ध्यान दिया। 2014 तक उत्तर रेलवे को सालाना 700-800 करोड़ रुपए मिलता था लेकिन 2023-24 के रेल बजट में राज्य को रेलवे परियोजना के लिए 6,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
कश्मीर को कन्याकुमारी से जोड़ने वाली रेलवे लाइन इस साल पूरी होने वाली है और विशेष रूप से डिज़ाइन की गई ‘वंदे भारत’ ट्रेनें भी अगले साल तक इस क्षेत्र में चलेंगी। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लाइन का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। चिनाब और अंजी पुलों और प्रमुख सुरंगों का काम भी पूरा होने वाला है।
चिनाब रेलवे पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है और यह पेरिस के एफिल टावर से भी ऊंचा है। जल्द ही उत्तरी कश्मीर की आखिरी टाउनशिप उरी को भी रेल नेटवर्क के माध्यम से जोड़ा जाएगा। बारामूला और उरी के बीच 50 किलोमीटर लंबे रेल लिंक के इंजीनियरिंग सर्वे के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं।
उरी के सीमांत क्षेत्र को रेल कनेक्टिविटी मिलना उत्तर रेलवे के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी क्योंकि यह दक्षिण से उत्तर भारत तक अपना नेटवर्क पूरा कर लेगा। 118 किलोमीटर-काजीगुंड-बारामूला रेलवे लाइन अक्टूबर 2009 में चालू की गई थी, इसके बाद जून 2013 में बनिहाल-काजीगुंड खंड 18 किलोमीटर और जुलाई 2014 में 25 किलोमीटर लंबा उधमपुर-कटरा खंड चालू हुआ।
111 किमी लंबा कटरा-बनिहाल खंड जो 2014 तक किसी न किसी पचड़े में फंसा रहा वह भी पूरा होने वाला है। 2019 तक, पाकिस्तान प्रायोजित अलगाववादियों द्वारा बंद और विरोध प्रदर्शनों के कारण कश्मीर के भीतर ट्रेन सेवाओं को अक्सर निलंबित कर जाता था। पिछले तीन साल में ट्रेन सेवाएं एक बार भी निलंबित नहीं हुई है। रेलवे का विस्तार होने से 270 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर लोगों की निर्भरता कम होगी। यह कई बार भूस्खलन के कारण बंद हो जाती है।
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