इंडिया न्यूज़ (Vande bharat express): वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है। वंदे भारत ट्रेन केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी तकनीक से बन रही है। इस ट्रेन को रेलवे मंत्रालय निर्यात के अनुकूल बनाएगा। इसके लिए ट्रेन की गति को भी बढ़ाया जा रहा है साथ ही कई फीचर को अपडेट किया जा रहा है। जब तेज गति की इस ट्रेन की संख्या 475 तक पहुंच जाएगी तो उसके बाद निर्यात की ओर कदम बढ़ाया जाएगा। इसके पहले इस ट्रेन को विश्व बाजार के हिसाब से ब्रांड इंडिया की तर्ज पर विकसित कर लिया जाएगा।

2026 तक 475 वंदे भारत ट्रेन चलाने का टारगेट

मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल समेत दक्षिण एशिया के कुछ देशों ने वंदे भारत ट्रेन में रुचि दिखाई है। इनकी टीमों ने भारत का दौरा भी किया है। जिन देशों ने रुचि दिखाई है, उनमें से प्रत्येक में एक-एक रेक भेजने की तैयारी है, उसके बाद वंदे भारत को निर्यात के लिए तैयार किया जाएगा। चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में हर महीने लगभग दस ट्रेनें बनाई जा रही हैं। जल्द ही कपूरथला और रायबरेली में भी निर्माण का कार्य प्रारंभ होने वाला है। इसका उत्पादन और डिजाइन सौ प्रतिशत स्वदेशी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 जनवरी को सिकंदराबाद से विशाखापटनम के बीच वंदे भारत संस्करण की आठवीं ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। पहली ट्रेन को 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली-वाराणसी मार्ग पर हरी झंडी दिखाई गई थी। इस वर्ष 15 अगस्त तक 75 वंदे भारत ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा गया है।