कांग्रेस पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियो को रिहा करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक जाएगी कांग्रेस, कांग्रेस की तरफ से जल्द पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी। कांग्रेस का कहना है की वह राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए एक नया समीक्षा आवेदन दायर करेगी  कांग्रेस ने राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के दस दिन बाद फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है।

सोनिया ने सजा कम करने का किया था समर्थन

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और दिवंगत राजीव गांधी की पत्नी ने चार दोषियों की मौत की सजा को कम करने का समर्थन किया था यहां तक की उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी राजीव गांधी की हत्या के एक आरोपी से मुलाकात की थी और उसे माफ कर दिया था, पार्टी नेतृत्व ने गांधी परिवार से असहमति जताई है और कड़ी प्रतिक्रिया दी है कांग्रेस ने कहा था कि पूर्व पीएम राजीव गांधी के बाकी हत्यारों को रिहा करने का फैसला पूरी तरह से अस्वीकार्य और पूरी तरह से गलत है।

कोर्ट ने किस आधार पर सुनाया रिहाई का फैसला?

मई 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में कांग्रेस पार्टी की ओर से चुनाव प्रचार के दौरान एक आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी इस मामले में सात लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की रिहाई का फैसला सुनाते हुए कहा था कि कैदियों के अच्छे व्यवहार और मामले में दोषी ठहराए गए एक अन्य व्यक्ति एजी पेरारिवलन की मई में रिहाई के आधार पर ये फैसला लिया गया था कोर्ट ने कहा था कि गिरफ्तारी के समय वह 19 साल का था और 30 से ज्यादा साल तक जेल में रहा था। 

ये भी पढ़े- MCD चुनाव में आप का नए दांव के साथ नया कैम्पेन ‘केजरीवाल की सरकार, केजरीवाल का पार्षद’