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Rajkot Gaming Zone Tragedy: राजकोट गेमिंग जोन हादसे में 4 अधिकारी गिरफ्तार, अग्निशमन प्रमुख से पूछताछ- Indianews

India News (इंडिया न्यूज़), Rajkot Gaming Zone Tragedy: राजकोट पुलिस ने गुरुवार को 25 मई को टीआरपी गेम जोन में लगी भीषण आग के सिलसिले में एक टाउन प्लानिंग अधिकारी (टीपीओ) समेत चार सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया। बता दें, इस आग में 27 लोगों की मौत हो गई थी।

चार सरकारी अधिकारी गिरफ्तार

एक अधिकारी ने बताया कि टीपीओ एमडी सागथिया, सहायक टीपीओ मुकेश मकवाना और गौतम जोशी तथा कलावड़ रोड फायर स्टेशन के पूर्व स्टेशन अधिकारी रोहित विगोरा को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही हिरासत में लिए गए लोगों की कुल संख्या नौ हो गई है। राज्य के पुलिस महानिदेशक विकास सहाय ने पुष्टि की कि “चार सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है।”

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अनुमति देने में घोर लापरवाही

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, “गेम जोन को आवश्यक मंजूरी के बिना संचालित करने की अनुमति देने में घोर लापरवाही” के आरोप में घटना के सिलसिले में नौ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें जोशी, विगोरा, राजकोट के मुख्य अग्निशमन अधिकारी आईवी खेर, उनके डिप्टी बीजे थेबा, राजकोट नगर निगम के टाउन प्लानिंग विभाग के सहायक अभियंता जयदीप चौधरी, सड़क एवं भवन विभाग के उप कार्यकारी अभियंता एमआर सुमा और पारस कोठिया तथा पुलिस निरीक्षक वीआर पटेल और एनआई राठौड़ शामिल हैं। आग की त्रासदी के बाद तत्कालीन पुलिस आयुक्त राजू भार्गव सहित तीन आईपीएस अधिकारियों को शहर से बाहर भेज दिया गया था।

गुरुवार को गुजरात सरकार द्वारा घटना की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुभाष त्रिवेदी ने गांधीनगर में राज्य पुलिस मुख्यालय में पूर्व अग्निशमन प्रमुख खेर से करीब तीन घंटे तक पूछताछ की। संयोग से, श्री खेर ने पहले खुलासा किया था कि गेम जोन अनिवार्य अग्नि एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) के बिना चल रहा था, क्योंकि प्रबंधन ने इसके लिए कभी आवेदन ही नहीं किया था।

गुजरात उच्च न्यायालय ने क्या कहा?

सोमवार को गुजरात उच्च न्यायालय ने गेम जोन में आग लगने की घटना को लेकर राजकोट नगर निकाय पर कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि उसे राज्य मशीनरी पर भरोसा नहीं है, जो निर्दोष लोगों की जान जाने के बाद ही कार्रवाई करती है। उच्च न्यायालय ने राजकोट नगर निगम से पूछा था कि क्या उसने अपने आसपास बन रहे इतने बड़े ढांचे पर आंखें मूंद ली हैं, जबकि नगर निकाय के वकील ने दलील दी थी कि शहर के नाना-मावा इलाके में स्थापित टीआरपी गेम जोन ने अपेक्षित अनुमति नहीं ली थी। इस त्रासदी के लिए गिरफ्तार किए गए नौ लोगों में टीआरपी गेमिंग जोन के चार मालिक और एक प्रबंधक शामिल हैं।

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Mahendra Pratap Singh

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