India News (इंडिया न्यूज़), Kargil Vijay Diwas, करगिल: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज करगिल पहुंचे। करगिल विजय दिवस के मौके पर उन्होंने बहादुर सपूतों को सलाम किया। कारगिल की बर्फीली चोटियों में शहीद हुए बहादुरों की याद में कारगिल युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद राजनाथ सिंह ने एक शोक समारोह को भी संबोधित किया।
सिंह ने कहा, “मैं हमारी धरती के बहादुर बेटों को सलाम करता हूं, अपनी मातृभूमि की सेवा और सुरक्षा में जिन्होंने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। मैं अपने जवानों को सलाम करता हूं, जिन्होंने देश को पहले रखा और हमारी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान देने में संकोच नहीं किया। जब भी मैं खुद को हमारे जवानों के बीच खड़ा पाता हूं तो मुझे बहुत ताकत मिलती है और मैं सशक्त महसूस करता हूं।”
राजनाथ सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा, युद्ध सिर्फ दो सेनाओं के बीच नहीं बल्कि दो देशों के बीच होता है… 26 जुलाई 1999 को युद्ध जीतने के बाद भी अगर हमारी सेनाओं ने LoC पार नहीं किया तो इसका कारण यह है कि हम शांतिप्रिय हैं, हम भारतीय मूल्यों में विश्वास करते हैं और अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। उस समय अगर हमने LoC पार नहीं किया तो इसका मतलब ये नहीं कि हम LoC पार नहीं कर सकते। हम एलओसी पार कर सकते थे, हम आज भी एलओसी पार कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर भविष्य में भी एलओसी पार करेंगे, मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं।’
#WATCH | Ladakh: Defence Minister Rajnath Singh says, "A war is not just between two armies but between two nations…Even after winning the war on 26 July 1999, if our forces did not cross the LoC, it is only because we are peace-loving, we believe in Indian values, and we have… pic.twitter.com/sB13F5U0up
— ANI (@ANI) July 26, 2023
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे बहादुर जवानों ने अग्रिम मोर्चों पर जो खून बहाया है, उसने भारत को वह बनाने में मदद की है जो वह आज है। पुष्पांजलि समारोह के बाद, रक्षा मंत्री ने उन सैनिकों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की, जिन्होंने 1999 के कारगिल संघर्ष में सर्वोच्च बलिदान दिया था। उन्होंने शहीद कारगिल नायकों के सम्मान में उन्हें स्मृति चिन्ह और शॉल भी सौंपे।
पाकिस्तान के साथ 1999 के कारगिल संघर्ष में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल करगिल विजय दिवस मनाया जाता है। दो महीने से अधिक समय तक चले संघर्ष में सेना पाकिस्तानी घुसपैठियों को पीछे धकेलने में कामयाब रही, पाकिस्तानी कारगिल में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर कब्जा कर रहे थे। यह संघर्ष कारगिल जिले के द्रास, कारगिल और बटालिक सेक्टरों में अग्रिम मोर्चों पर चला। लड़ाई में भारत के 557 जवान शहीद हुए थे।
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