India News (इंडिया न्यूज), Raksha Bandhan 2024: दुनिया में सबसे पवित्र और अनोखा भाई-बहन का रिश्ता होता है। जिसको साल में एक दिन बहन को रक्षा सूत्र बांध कर रक्षाबंधन का त्योहार मनाती है। वहीं यह ताजा मामला शहर के रविशंकर वार्ड में सामने आया है। जहां बहनों ने बचपन से ही शारीरिक रूप से कमजोर अपने 17 वर्षीय इकलौते भाई का न सिर्फ अंतिम संस्कार किया, बल्कि अंतिम संस्कार की रस्में भी निभाईं। दरअसल, रक्षाबंधन पर्व से एक दिन पहले भाई के चले जाने से दुखी बहनों ने खुद ही अपने भाई का अंतिम संस्कार किया। श्मशान घाट पर जिसने भी यह नजारा देखा, वह भावुक हो गया। भाई-बहन के बीच का प्यार देखकर हर किसी की आंखें नम हो गई।

भाई था शारीरिक रूप से कमजोर

बता दें कि, रविशंकर वार्ड निवासी पप्पू भल्ला के बेटे राजू की सुबह मौत हो गई। उसका अंतिम संस्कार उसकी दो बहनों माही और महक ने नरयावली नाका मुक्ति धाम पर किया। रक्षाबंधन से एक दिन पहले भाई की मौत से बहनें काफी दुखी थीं। उन्हें भाई के साथ बिताए हर पल याद आ गए और उन्होंने खुद ही उसका अंतिम संस्कार करने का फैसला किया। चूंकि भाई मानसिक रूप से विकसित नहीं था, इसलिए बहनों ने ही उसका ख्याल रखा। उनकी मृत्यु पर वह अंतिम यात्रा के लिए श्मशान घाट गईं। वहां सभी रीति-रिवाजों का पालन करते हुए उन्होंने उन्हें अंतिम विदाई भी दी। भाई-बहन का यह दृश्य देखकर सभी की आंखें भर आईं।

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क्या है रक्षाबंधन का महत्व?

गौरतलब है कि, भारत में रक्षा बंधन मनाने की परंपरा सदियों पुरानी है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब राजा बलि ने भगवान विष्णु से वचन लेकर उन्हें पाताल लोक में अपने पास रख लिया था। तब माता लक्ष्मी ने रक्षा राजा बलि की कलाई पर राखी बांधी थी और उनसे भगवान विष्णु को वापस घर लाने के लिए कहा था। वहीं, महाभारत से जुड़ी कथा के अनुसार, एक बार द्रौपदी ने अपने वस्त्र से कपड़े का एक टुकड़ा फाड़कर कृष्ण की कलाई पर बांध दिया था। ताकि उनकी चोट ठीक हो जाए। इससे भगवान श्री कृष्ण इतने खुश और प्रभावित हुए कि उन्होंने द्रौपदी को अपनी बहन बना लिया। उनकी रक्षा की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली। कहा जाता है कि तभी से रक्षा बंधन का त्योहार मनाने की परंपरा चली आ रही है।

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