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Ram Nath kovind in himachal जन प्रतिनिधियों को जनता भाग्य विधाता के रूप में देखती है

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को सम्बोधित किया
इंडिया न्यूज, शिमला:
Ram Nath kovind in himachal : राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि प्रदेश की जनता विधायकों, सांसदों और अन्य प्रतिनिधियों को अपने भाग्य-विधाता के रूप में देखती है और अपेक्षा करती है कि वे सब इस प्रदेश व राष्ट्र के निर्माता बनें।

राष्टपति ने कहा कि हिमाचल में पर्यावरण अनुकूल कृषि, बागवानी, पर्यटन, शिक्षा, रोजगार, विशेषकर स्वरोजगार आदि अनेक क्षेत्र में सतत विकास की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने किसानों-बागवानों का आह्वान किया कि वे प्राकृतिक खेती को अधिक से अधिक अपनाएं और धरती को रसायन मुक्त करें। उन्होंने विश्वास जताया कि हिमाचल प्रदेश एक दिन विकास के पैमाने पर भारत का सिरमौर बनेगा। वे शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे।

Ram Nath kovind in himachal हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत से भरपूर

राष्ट्रपति ने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत से भरपूर है। हमें प्राकृतिक सौंदर्य को संजोये रखने के साथ-साथ विकास के क्षेत्र में निरंतर प्रयास करने होंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि हिमाचल एक दिन विकास के पैमाने पर भारत का सिरमौर बनेगा। उन्होंने यह विश्वास भी जताया कि 2047 में जब देशवासी आजादी की शताब्दी मनाएंगे और हिमाचल प्रदेश अपनी स्थापना के 75 वर्ष सम्पन्न होने का समारोह मनाएगा, तब तक यह राज्य विश्व स्तरीय विकास और समृद्धि का आदर्श प्रस्तुत कर रहा होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि जनवरी, 1971 में हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना, डॉ. यशवंत सिंह परमार जैसे लोकतंत्र में आस्था रखने वाले जननायकों के नेतृत्व में यहां की जनता के संघर्ष की सफल परिणति थी। हिमाचल के लोगों ने विगत 50 वर्षों में विकास की जो गाथा लिखी है, उस पर सभी देशवासियों को गर्व है। वे पूर्व मुख्यमंत्रियों – स्व. डॉ. वाईएस परमार, स्व. ठाकुर राम लाल, शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल और स्व. वीरभद्र सिंह के योगदान की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश की विकास-यात्रा को जन-मानस तक पहुंचाने की पहल अत्यंत सराहनीय है।

हिमाचल प्रदेश ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार सतत विकास लक्ष्य – इंडिया इंडेक्स 2020-21 में हिमाचल प्रदेश देश में दूसरे नंबर पर है। यहां की मिट्टी साफ-सुथरी तथा पोषक तत्वों से युक्त है। वे चाहेंगे कि यहां के किसान भाई-बहन, प्राकृतिक खेती को अधिक से अधिक अपनाएं और रासायनिक उर्वरकों से अपनी शस्य-श्यामला धरती को मुक्त करें।

(Ram Nath kovind in himachal ) 2014 में हिमाचल विधानसभा देश की पहली पेपरलेस विधानसभा बनी

कोविंद ने कहा कि 2014 में यह विधानसभा देश की पहली पेपरलेस विधानसभा बनी। यह टेक्नॉलॉजी के सक्षम उपयोग, पर्यावरण की रक्षा तथा आर्थिक संसाधनों की बचत का अच्छा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के संरक्षण व संवर्धन के लिए राज्य सरकार ने प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने सहित अनेक सराहनीय प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि इस विधानसभा में ऐसे अनेक कानून बनाए गए हैं, जिनसे भविष्योन्मुखी परिवर्तन के लिए मार्ग प्रशस्त होता रहा है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के देश में सबसे पहले कोविड वैक्सीन की पहली डोज शत-प्रतिशत आबादी को लगाने का कीर्तिमान स्थापित करने पर भी बधाई दी।

राष्ट्रपति ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लगभग हर गांव के युवा भारतीय सेनाओं में अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि इस वीरभूमि से ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध संघर्ष में प्राण न्योछावर करने वाले राम सिंह पठानिया, देश के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा, कारगिल में शहीद हुए, परमवीर चक्र से सम्मानित कैप्टन विक्रम बत्रा, परमवीर चक्र विजेता सूबेदार संजय कुमार और कारगिल के नायक शहीद कैप्टन सौरभ कालिया जैसे अनेक शूरवीरों ने पूरे देश का और हिमाचल प्रदेश का मस्तक ऊंचा किया है।

वहीं राष्ट्रपति ने हिमाचल प्रदेश की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में, लोकतंत्र के इस मंदिर में सभी को शुभकामनाएं दी और कहा कि अपनी लोकतान्त्रिक विरासत व स्वस्थ परंपराओं को निरंतर मजबूत बनाते हुए, सभी सदस्य अपने राज्य को खुशहाली की बुलंदियों पर ले जाएंगे। इस ऐतिहासिक सत्र में राज्यपाल राजेन्द्र आर्लेकर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, प्रतिपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, सांसद व पूर्व सांसद, विधायक व पूर्व विधायक मौजूद थे।

(Ram Nath kovind in himachal ) विधानसभा भवन कई महत्वपूर्ण घटनाओं का रहा साक्षी

राष्ट्रपति ने कहा कि यह काउंसिल चैंबर भवन तथा परिसर, आधुनिक भारत की अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं के साक्षी रहे हैं। इसी भवन में विट्ठल भाई पटेल ने वर्ष 1925 में ब्रिटिश प्रत्याशी को हराकर सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली के अध्यक्ष का चुनाव जीता था। अध्यक्ष के अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संसदीय मर्यादा और निष्पक्षता का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया जो आज भी हमारी संसद और विधानसभाओं के लिए एक आदर्श है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में जसवंत राम से लेकर ठाकुर सेन नेगी सहित अध्यक्षों एवं प्रभावशाली विधायकों की समृद्ध परंपरा रही है।

(Ram Nath kovind in himachal ) नेता प्रतिपक्ष का संबोधन परिपक्व लोकतांत्रिक संस्कृति का उदाहरण

राष्ट्रपति ने कहा कि इस सत्र में प्रतिपक्ष के नेता का संबोधन होना परिपक्व लोकतांत्रिक संस्कृति का अनुकरणीय उदाहरण है। इस स्वस्थ परंपरा के बीज आप के पूर्ववर्ती जन-नायकों द्वारा संचालित आजादी की लड़ाई और उसके बाद पूर्ण राज्यत्व के लिए सर्वथा संवैधानिक तरीके से संचालित आंदोलन में निहित थे।

उन्होंने हिमाचल में स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा का निर्माण करने वाले विगत विधानसभाओं के सदस्यों तथा उसको मजबूत बनाने वाले आप सभी विधायकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पहाड़ी गांधी के नाम से विख्यात, कांगड़ा के बाबा कांशीराम जैसे स्वाधीनता सेनानियों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ शांतिपूर्ण सत्याग्रह किया और अपने जीवन के अनेक वर्ष कारावास में बिताए। संविधान-सम्मत मार्ग पर चलते हुए डॉ. यशवंत सिंह परमार, पंडित पदम देव, शिवानंद रामौल तथा अन्य जन-सेवकों ने पहाड़ी क्षेत्रों के एकीकरण और हिमाचल की स्थापना के संघर्ष को आगे बढ़ाया था।

(Ram Nath kovind in himachal ) अटल का था हिमाचल से गहरा लगाव

राष्ट्रपति ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को हिमाचल प्रदेश से गहरा लगाव था। इसे वे अपना घर ही मानते थे। उन्होंने हिमाचल को विशेष औद्योगिक पैकेज प्रदान किया था, जिससे राज्य में निवेश को बढ़ावा मिला। साथ, उन्होंने ही 2002 में उस परियोजना की आधारशिला रखी थी जो आज अटल टनल के नाम से दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग-टनल के रूप में स्थापित है। इससे हिमाचल और लेह-लद्दाख के हिस्से, देश के अन्य क्षेत्रों से सदैव जुड़े रहेंगे और वहां के लोगों का तेजी से आर्थिक विकास होगा।

(Ram Nath kovind in himachal ) हिमाचल उन्हें करता रहा है आकर्षित

रामनाथ कोविंद ने कहा कि उनके लिए लिए यह सुखद संयोग है कि हिमाचल की धरती उन्हें लगभग 45 वर्षों से आकर्षित करती रही है। वे पहली बार 1974 में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू-मनाली आए थे और उसके बाद कई बार इस प्रदेश में आए हैं।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक-जीवन से जुड़े अनेक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए भी हिमाचल आने का अवसर मिलता रहा था। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, लोगों की कर्मठता, सरलता व अतिथि सत्कार ने उनके मानस-पटल पर गहरी छाप छोड़ी है। उनका कहना था कि हिमाचल प्रदेश की प्रत्येक यात्रा मुझमें एक नई स्फूर्ति का संचार करती है।

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Amit Sood

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