India News(इंडिया न्यूज), Ram Raheem: बाबा राम रहीम, एक समय पर इतना चर्चित चेहरा था जिसने न सिर्फ महिलाओं के साथ गलत किया बल्कि आस्था का मजाक भी उड़ाया। उसके दर्शन के लिए लाखों की भीड़ इकट्ठी होती थी, आस्था का प्रतीक बना हुआ फिरता ये बाबा तब फंसा जब इसकी सच्चाई सामने आई। बता दें कि राम रहीम पर बहुत से अपराध लगे हैं जिसमें मर्डर भी शामिल है। लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं कि उन्होंने कैसे महिलाओं का मजाक उड़ाया, उनका इस्तेमाल किया। हालांकि राम रहीम इसकी सजा काट रहा है। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं कि कैसे वो महिलाओं के शरीर से अपनी तलब मिटाता था और उसे माफी का नाम देता था।

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माफी के नाम पर दुष्कर्म

गुरमीत राम रहीम अपनी गुफा में महिलाओं के साथ जो अश्लील हरकतें करता था, बाबा उसे ‘माफी’ कहता था। जब भी कोई महिला या लड़की राम रहीम के आवास यानी उसकी गुफा में भेजी जाती थी, तो बाबा के अनुयायी उसे ‘बाबा की माफी’ कहते थे। खास बात ये है कि बाबा राम रहीम की गुफा में सेवा के लिए सिर्फ महिला सेवक ही तैनात थे। वहां एक समय में 209 सेवक रखे जाते थे। इतना ही नहीं, उसके इर्द-गिर्द सिर्फ महिला अनुयायी ही तैनात रहती थीं।

गुफा में केवल महिलाओं को जाने की अनुमति

सिरसा के डेरा मुख्यालय में बाबा की शिकार बनी महिलाओं ने पुलिस के सामने अपना दर्द बयां करते हुए बाबा की इन करतूतों का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि डेरा प्रमुख अपने आवास में महिलाओं के साथ दुष्कर्म करता था। कई लड़कियां बाबा के आश्रम में सिर्फ इसलिए रहती थीं, क्योंकि उनके परिवार के लोग राम रहीम के भक्त थे। यही वजह थी कि वे आश्रम से बाहर नहीं जा पाती थीं। एक साध्वी ने बताया कि जब वह राम रहीम के आवास से बाहर निकली तो कई लोगों ने उससे पूछा कि क्या उसे बाबा से माफ़ी मिल गई है। पहले तो उसे समझ नहीं आया, लेकिन बाद में उसे माफ़ी का मतलब समझ में आ गया।

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राम रहीम के भक्त होने

गुरमीत राम रहीम का जन्म 15 अगस्त 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के गुरुसर मोडिया में एक जाट सिख परिवार में हुआ था। जब वह सात साल का था तो 31 मार्च 1974 को तत्कालीन डेरा प्रमुख शाह सतनाम सिंह ने उसे नाम दिया। 23 सितंबर 1990 को शाह सतनाम सिंह ने गुरमीत सिंह को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया।