India News (इंडिया न्यूज),Ram Setu: संसद में एक बार फिर राम सेतु पर चर्चा हुई। सरकार ने संसद में बताया कि राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का मामला कोर्ट में लंबित है। लोकसभा में केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर देकर इस बात का जिक्र किया।
संस्कृति मंत्री का सवाल-जबाव
जवाब देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि राम सेतु को राष्ट्रीय महत्व का घोषित करने का कोई प्रस्ताव फिलहाल लंबित नहीं है। उनसे पूछा गया था कि क्या देश में राम सेतु जैसे समुद्री या जलमग्न स्थलों को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का अनुरोध भारत सरकार के पास लंबित है।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि स्मारकों और स्थलों को प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष (एएमएएसआर) अधिनियम, 1958 की धारा 4 के तहत घोषित किया जाता है। केंद्र सरकार किसी भी प्राचीन स्मारक को राष्ट्रीय महत्व का घोषित करने के अपने इरादे की अधिसूचना जारी करने के लिए दो महीने का समय देती है।
2014 के बाद विदेशों से 344 पुरावशेष प्राप्त हुए
सरकार ने सोमवार को संसद को बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को 1976-2023 तक विदेशों से 357 पुरावशेष प्राप्त हुए हैं। इनमें से 344 पुरावशेष 2014 के बाद प्राप्त हुए हैं। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
उनसे पिछले दस वर्षों के दौरान विदेशों से बरामद तमिलनाडु से संबंधित कलाकृतियों की संख्या के विवरण के बारे में भी पूछा गया था। अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों के दौरान विदेशों से प्राप्त पुरावशेषों में से ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, ब्रिटेन और अमेरिका से प्राप्त 31 पुरावशेष तमिलनाडु से हैं।
म्यूजियम के लिए खर्च हुए 305.36 करोड़ रुपये
सरकार ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि प्रधानमंत्री संग्रहालय परियोजना के लिए आवंटित 340.33 करोड़ रुपये के बजट में से 30 नवंबर तक 305.36 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने भारत के प्रधानमंत्रियों पर आधारित संग्रहालय की मुख्य विशेषताओं और परियोजना के लिए आवंटित बजट से होने वाले कुल सरकारी खर्च के बारे में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। प्रधान मंत्री संग्रहालय का उद्घाटन 14 अप्रैल, 2022 को माननीय प्रधान मंत्री द्वारा किया गया था।
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