India News (इंडिया न्यूज), Ramaswami Temple: राम मंदिर के प्राण- प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 जनवरी से यानी की आज से केरल दौरे पर रहने वाले हैं। इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान त्रिशूर जिले में त्रिप्रयार इलाके के श्री रामास्वामी मंदिर का दौरा करेंगे। 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को देखते हुए इस राम मंदिर को अपने यात्रा कार्यक्रम में शामिल करने का प्रधानमंत्री का निर्णय बहुत ही महत्वपूर्ण है।

बता दें कि, केरल के नट्टिका गांव में त्रिप्रयार इलाके में, गुरुवयूर से लगभग 22 किलोमीटर दूर और कोच्चि हवाई अड्डे से 60 किमी दूर, श्री रामास्वामी मंदिर, कोचीन देवस्वोम बोर्ड के नियंत्रण में है, जो कि केरल सरकार के द्वारा नियुक्त एक सामाजिक-धार्मिक ट्रस्ट है। राज्य के प्रमुख मंदिरों में से एक मंदिर में भगवान राम मुख्य देवता हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी 1 जनवरी को लिखे एक पत्र में मुख्य पुजारी थराननेल्लूर पदिनजारे मन पद्मनाभन नंबूथिरीपाद के निमंत्रण के बाद मंदिर का दौरा कर रहे हैं।

मंदिर का क्या है गुजरात से कनेक्शन?

मिले पत्र में बताया गया है कि, मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की पूजा की जाती है। भगवान कृष्ण के द्वारा गुजरात के द्वारका में भगवान राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की मूर्तियों को समुद्र से निकालकर यह एक ही समय में स्थापित किया गया था। अभिनेता-राजनेता सुरेश गोपी की बेटी भाग्य सुरेश के विवाह समारोह में शामिल होने के लिए दिन बुधवार को पीएम मोदी गुरुवयूर श्री कृष्ण मंदिर पहुंचेंगे। यहां वह सुबह करीब 10.50 बजे श्री रामास्वामी मंदिर में दर्शन करेंगे।

क्या है मंदिर की खासियत

मिली जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी मंदिर में एक घंटा बिताने वाले हैं। यह पहली बार है कि कोई भी प्रधानमंत्री त्रिप्रयार मंदिर का दौरा कर रहे हैं। इसमें शंख, सुदर्शन चक्र, छड़ी और माला धारण किए हुए, पूर्व की तरफ मुख किए हुए, खड़ी मुद्रा में भगवान की छह फुट ऊंची मूर्ति है। त्रिप्रयार थेवर या त्रिप्रयारप्पा के रूप में संबोधित, शाही रूप में देवता रुप में प्रसिद्ध त्योहार अरट्टुपुझा पूरम के पीठासीन देवता हैं, जिन्हें ‘ब्रह्मांड में सभी देवताओं का ऊपर’ माना जाता है। मीनूट्टू, या मछली को खिलाना, नदी के तट पर मौजूद मंदिर में मुख्य प्रसाद में से एक है।

मन की बात में पीएम ने किया था जिक्र

इसके साथ ही आपके बता दें कि, यह पहला मंदिर है जहां नालम्बलम तीर्थयात्रा के हिस्से के रूप में दौरा किया जाता है। यह एक अनुष्ठान है जो कि दोपहर से पहले भगवान राम और उनके भाइयों को समर्पित चार मंदिरों की यात्रा पूरी करता है। इसमे खासकर कार्किडकम के महीने में, जिसे राज्य में ‘रामायण महीना’ भी माना जाता है। इस तीर्थयात्रा का जिक्र हाल ही में प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात रेडियो के कार्यक्रम में भी किया था। कूडलमानिक्यम मंदिर, इरिंजलाकुडा, तीर्थयात्रा की सूची में अगला, देश के कुछ ही मंदिरों में से एक है जो कि भगवान राम के भाई भरत की पूजा के लिए समर्पित है। लक्ष्मण को समर्पित मूझिक्कुलम श्री लक्ष्मण पेरुमल मंदिर अगला है और पयम्मल श्री शत्रुघ्न स्वामी मंदिर इस नालम्बलम की तीर्थयात्रा में जाने वाला अंतिम मंदिर है।

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