इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Ramnath Kovind Last Speech): आज शाम 7 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देश को संबोधित करेंगे। राष्ट्रपति के तौर पर उनका ये आखिरी भाषण होगा। वहीं कल 25 मई को द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी। इससे पहले शनिवार को संसद के सेंट्रल हॉल में हुए उनका विदाई समारोह हुआ। विदाई समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्री और दोनों सदनों के सदस्य मौजूद रहे।
दलगत राजनीति से ऊपर उठना चाहिए
विदाई समारोह में रामनाथ कोविंद ने सभी पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में काम करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि आपस में भले ही मतभेद हो लेकिन देश की पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठना चाहिये। उन्होंने कहा कि 5 साल पहले, यहां सेंट्रल हॉल में भारत के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। मेरे दिल में सभी सांसदों के लिए खास जगह है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आज आप सबसे जब मैं विदाई ले रहा हूं तो मेरे हृदय में अनेक पुरानी स्मृतियां उमड़ रही हैं। इसी परिसर में जिसे सेंट्रल हॉल के रूप में जाना जाता है। कई सालों तक न जाने कितने सांसदों के साथ यादगार पल बिताए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को अपने लक्ष्यों को पाने की कोशिश करने के लिए विरोध करने और दबाव बनाने का अधिकार है, लेकिन उनके तरीके गांधीवादी होने चाहिए।
सेंट्रल हॉल में विदाई लेने वाले रामनाथ कोविंद आखिरी राष्ट्रपति
बता दें कि संसद के इस सेंट्रल हॉल में विदाई लेने वाले रामनाथ कोविंद आखिरी राष्ट्रपति हैं। उनके साथ यह संसद भवन भी अब विदाई ले रहा है। संसद भवन की नई इमारत सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का काम जल्द पूरा हो जाएगा। कई विभागों को नई जगह शिफ्ट किया जा चुका है। ये पहले से ज्यादा भव्य और खूबसूरत बनाया गया है। अत: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ऐसे अंतिम राष्ट्रपति होंगे जिन की विदाई उस संसद से होगी जहां पुराने राष्ट्रपतियों की विदाई हुई। भारत की वर्तमान संसद ने विलियम माउंटबेटन से लेकर रामनाथ कोविंद राष्ट्रअध्यक्षों को विदाई दी थी। मौजूदा संसद भवन का निर्माण 1921 से 1927 के बीच हुआ था।
नया संसद भवन 64500 वर्ग मीटर में फैला
वहीं नया संसद भवन 64,500 वर्ग मीटर में फैला है जो अभी की इमारत से 17,000 वर्ग मीटर ज्यादा है। लोकसभा का आकार मौजूदा सदन से लगभग तिगुना होगा। लोकसभा में 888 सदस्यों के लिए सीटें उपलब्ध होंगी। जबकि राज्यसभा में 326 सीटें होंगी। संयुक्त सत्र के दौरान 1224 सदस्य एक साथ बैठ सकेंगे। ऐसी उम्मीद है कि शीतकालीन सत्र में संसद की कार्यवाही नई बिल्डिंग में ही होगी। वर्तमान संसद भवन में पहली विदाई विलियम माउंटबेटन की हुई थी और आखिरी रामनाथ कोविंद की हुई है।
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