Ravi Shankar Prasad on Rahul Gandhi: भारतीय जनता पार्टी के नेता रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पर मानहानि के 60 केस चल रहे हैं। अगर राहुल गांधी इस तरह की बातें जानबूझकर करते हैं। तो ऐसे में बीजेपी मानती है कि राहुल गांधी ने पिछड़ों का अपमान किया है। कांग्रेस नेता के बयान के खिलाफ बीजेपी पूरे देश में आंदोलन करेगी। उनके ऊपर सूरत में पर केस दर्ज हुआ। राहुल के पास बड़े-बड़े वकीलों की फौज है। राज्यसभा-लोकसभा में बड़े-बड़े वकील हैं। आखिर राहुल गांधी के मामले में वह लोग क्यों सूरत कोर्ट नहीं गए।
कोर्ट ने उन्हें माफी मांगने का मौका दिया- रविशंकर प्रसाद
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि यही जब पवन खेड़ा का मामला था तो उनके मामले में बड़े-बड़े वकीलों की फौज पहुंच गई थी। उन्होंने कहा, “मोदी की सबसे बड़ी संख्या पिछड़े समाज से आती है। आलोचना का अधिकार, गाली देने का अधिकार राहुल गांधी को नहीं है। राहुल ने समुदाय को गाली दी है, बेइज्जत किया है। अगर राहुल को गलत बात कहने का अधिकार है तो पिछड़ों को भी कोर्ट जाने का अधिकार है। कोर्ट ने उन्हें माफी मांगने का मौका दिया, तो उन्होंने माफी मांगने से मना कर दिया।”
क्या यह नाखून कटाकर शहीद होने की कोशिश की गई- प्रसाद
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा “देश में यह कानून है कि दो साल की सजा हुई तो तुरंत आप डिस्क्वालिफाई हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ये बात कह चुका है। तो फिर कांग्रेस पार्टी की ओर से राहुल गांधी के मामले में स्टे हासिल करने की कोशिश नहीं की गई। क्या यह नाखून कटाकर शहीद होने की कोशिश की गई है। ये जो पूरा प्रकरण है, यह सब एक सोची-समझी रणनीति है कि राहुल गांधी को बलिदानी बताओ। जिसके बाद कर्नाटक चुनाव में इसका फायदा लो।”
रविशंकर प्रसाद ने कहा, “राहुल को पीड़ित दिखाओ और कांग्रेस बचाओ। इसका जवाब तो आपको देना पड़ेगा। आपके दोषी ठहराए जाने के बाद आपके लिए वकीलों की फौज ने स्टे की कोशिश क्यों नहीं की। अगर देश में सबके लिए एक ही कानून है तो क्या आपके लिए अलग से कानून बनेगा।”
“राहुल की राजनीति…हम हारेंगे तो लोकतंत्र खराब है”
उन्होंने आगे कहा, “आज राहुल ने फिर एक झूठ बोला। कहा कि मैंने लंदन में कुछ गलत नहीं बोला। राहुल की राजनीति बहुत सीधी है। हम जीतेंगे तो लोकतंत्र ठीक है, हम हारेंगे तो लोकतंत्र खराब है। हम जीतेंगे तो चुनाव आयोग ठीक है, हम हारेंगे तो चुनाव आयोग गलत है। हमारे पक्ष में फैसला आएगा तो न्यायालय ठीक है, हमारे पक्ष में नहीं तो न्यायालय खराब है।”