इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (RCP Singh In The Union Cabinet) : केंद्रीय मंत्रिमंडल में आरसीपी सिंह को शामिल किए जाने पर अमित शाह ने नीतीश कुमार के दावे का खंडन किया है। वहीं नीतीश कुमार ने केंद्र में भाजपा पर कई तरह के आरोप लगाए हैं। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस दावे का खंडन किया जो गत वर्ष केंद्रीय मंत्रिमंडल में आरसीपी सिंह को शामिल करने के लिए उनकी मंजूरी नहीं थी।

यह जानकारी पार्टी सूत्रों से मिली है। बिहार भाजपा कोर ग्रुप के सदस्यों के साथ बंद कमरे में हुई बैठक में अमित शाह ने कहा कि जेडीयू के नेता ने गत वर्ष जुलाई में मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले उनकी पार्टी के प्रतिनिधित्व पर उनसे बात की थी। उन्होंने बताया कि उस समय आरसीपी सिंह जेडीयू के अध्यक्ष थे। वह मोदी सरकार में शामिल होने के लिए उत्सुक थे।

नीतीश के स्वीकारोक्ति पर ही आरसीपी सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर बनी थीं सहमति

वहीं नीतीश कुमार ने अमित शाह से कहा कि वह आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर ले। उनके इस स्वीकारोक्ती से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने पर सहमति बनी। यह बात अमित शाह ने बैठक में इस मुद्दे के उठाये जाने पर कही। गृह मंत्री ने आगे कहा कि नीतीश कुमार चाहते थे कि उनकी पार्टी के दो सदस्यों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए, लेकिन अगर पार्टी के केवल एक सदस्य को सीट दी जाती है तो आरसीपी सिंह को शामिल करने के लिए अपना समर्थन दिया।

गौरतलब है कि भाजपा से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि लंबे समय तक उनके करीबी रहे आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की उनकी मंजूरी नहीं थी। अधिक मंत्री पद की अपनी मांग के लिए भाजपा ने तब जेडीयू के नीतीश को अवगत कराया था कि वह उसे एक से अधिक मंत्री पद नहीं दे सकती। यह देखते हुए कि शिवसेना को भी केवल एक सीट दी गई थी। मालूम हो की शिवसेना ने 2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू से ज्यादा लोकसभा सीटें जीती थीं। शिवसेना ने 2020 में भाजपा से नाता तोड़ लिया जबकि जेडीयू ने गत हफ्ते ही भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया है।

बैठक में जेडीयू-आरजेडी के खिलाफ आक्रामक रूप से कार्य करने का दिया गया निर्देश

गौरतलब है कि बिहार भाजपा नेताओं को मंगलवार की हुई बैठक में केंद्रीय नेतृत्व द्वारा जेडीयू-आरजेडी सरकार के खिलाफ आक्रामक रूप से कार्य करने का निर्देश दिया गया है। क्योंकि बिहार भाजपा ने 2024 के चुनावों में 40 लोकसभा सीटों में से 35 जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए भाजपा नेताओं को कार्यकर्ताओं के साथ अच्छे संबंध बनाकर जमीनी स्तर पर अभी से ही कार्य करने का निर्देश दिया है।

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