मध्यप्रदेश/छतरपुर:- मध्यप्रदेश के अस्पतालों से अक्सर इंसानियत को शर्मसार करे वाली तसवीरें सामने आती रहती हैं कभी मरीजों को बीएड नहीं मिलता कभी समय पर एम्बुलेंस नहीं पहुंचता तो कभी शव वाहन ना मिल पाने की वजह से परिजनों को शव को कंधे पर लटकाकर रिक्शे में रखकर ले जाना पड़ता है. इस बार भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है जिससे अस्पताल की कुव्यवस्था साफ़ नज़र आई. प्रदेश के छतरपुर में एक मामा की व्यथा देखिये, मामा अपनी भांजी का शव अस्पताल से ले जाने के शव वहां का इंतज़ार कर रहे थे लेकिन घंटो इंतजार में बैठे रहने के बाद भी उन्हें एक शव वाहन तक नहीं मिल पाया.जब सब्र का बाँध टूट गया तो वो अपने कंधे पर ही भांजी का शव रखकर अस्पताल से गांव की तरफ चल पड़े.

नदी की मिटटी खिसकने से दबी बच्ची

दरअसल जिले के बिजाबर थाना क्षेत्र अंतर्गत बाजना के पाटन गांव में रहने वाले रामेश्वर की चार साल की बेटी प्रीति अपनी सहेलियों के साथ खेल रही थी, प्रीती का मामा भी पास में तभी अचानक से मिटटी खिसक गई, और प्रीति मिटटी में दब गई. खेलते-खेलते नदी की मिट्टी में दबने से बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई थी,और जब तक मामा ने उसे मिटटी से निकाला वो बेसुध हो चुकी थी, आनन् फानन में उसे बिजाबर स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां से उसे जिला अस्पताल भेज दिया. जिला अस्पताल की OT में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.

भटकता रहा मामा, नहीं मिला शव वाहन

शव वाहन के लिए बच्ची का मामा घंटों तक अस्पताल के चक्कर लगाता रहा लेकिन उसे शव वाहन नहीं मिला और आखिरकार वो थक-हारकर बच्ची को कंधे पर लादकर ले जाने को मजबूर हो गया. बच्ची मामा के पास ही रहती थी.