India News(इंडिया न्यूज),Reasi Terror Attack: रविवार शाम को जम्मू के रियासी में हुए आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का हाथ है। वैष्णो देवी जा रहे 10 हिंदू तीर्थयात्री इस हमले में मारे गए और 33 अन्य घायल हो गए। जानकारी के लिए बता दें कि इस हमले में जिहादियों ने बस पर गोलीबारी की, जिससे बस खाई में गिर गई।
- रियासी में आतंकी हमला
- लश्कर-ए-तैयबा ने ली जिम्मेदारी
- 9 लोगों की गई है जान
लश्कर के संगठन ने ली जिम्मेदारी
रविवार शाम को, लश्कर के एक संगठन TRF ने इस नृशंस हमले का श्रेय लेते हुए यह दिखाने की कोशिश की कि यह आतंकी हमला जम्मू-कश्मीर के स्थानीय आतंकवादियों द्वारा किया गया था, न कि लाहौर में बैठे विदेशी इस्लामवादियों द्वारा।
वहीं इस मामले में शीर्ष आधिकारिक सूत्रों के की माने तो रियासी में मोदी 3.0 के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान हमला जानबूझकर किया गया था और हमलावर जम्मू क्षेत्र के राजौरी-पुंछ के जंगलों में तीन या दो के समूहों में घूम रहे लगभग 12 जिहादी थे। इस आतंकवादी समूह में एलओसी के उस पार से कई पाकिस्तानी नागरिक शामिल हैं और एलओसी के उस पार सुरंगों की संभावना है, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों और भारतीय सेना ने इसका जोरदार खंडन किया है।
पिछले पांच साल का विवरण
पिछले पांच वर्षों में, पुंछ-राजौरी सेक्टर में भारतीय सेना और जिहादियों के बीच कई मुठभेड़ें हुई हैं और भारतीय पक्ष में हताहतों की संख्या अधिक रही है, क्योंकि आतंकवादियों को अचानक और तेज़ चालों का फ़ायदा मिलता है। गृह मंत्री अमित शाह सहित मोदी सरकार ने रियासी हमले को बहुत गंभीरता से लिया है, क्योंकि अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू होने वाली है।
भारत का अगला कदम
भारत रियासी हमले का अपने तरीके से और उचित तरीके से जवाब देगा, लेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस, अर्धसैनिक बलों और भारतीय सेना को इस पाकिस्तानी समूह को बेअसर करने के लिए कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी के साथ एक शिकार समूह के रूप में कार्य करना चाहिए। जम्मू क्षेत्र में महत्वपूर्ण तैनाती के बावजूद भारत नागरिक या सैन्य हताहतों को बर्दाश्त नहीं कर सकता।