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Republic Day 2024: 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस, जानिए इतिहास और महत्व

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : January 26, 2024, 1:48 am IST

India News (इंडिया न्यूज), Republic Day 2024: भारत 26 जनवरी, 2024 को अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है जो देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पल है। जिसका मुख्य आकर्षण वे झांकियां हैं जो कि भारत की समृद्ध परंपरा, सांस्कृतिक विरासत, देश की प्रगति के साथ ही उपलब्धियों के आइने और भारतीय सेना, भारतीय नौसेना व एयर शो भी दिखाती हैं। इस खास अवसर के महत्व को बढ़ाते हुए, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन सम्मानित मुख्य अतिथि होंगे, जो की 6वीं बार किसी फ्रांसीसी नेता ने भाग लिया है और भारत और फ्रांस के बीच मजबूत राजनयिक संबंधों को जाहिर किया है।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन होंगे मुख्य अतिथि

इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह का मुख्य केंद्र बिंदु नई दिल्ली में कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) पर प्रभावशाली गणतंत्र दिवस परेड है। यह भव्य आयोजन सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं की मार्चिंग टुकड़ियों, सैन्य उपकरणों के प्रभावशाली प्रदर्शन और मोटरसाइकिल टीमों के रोमांचक प्रदर्शन के साथ ही भारत की सैन्य ताकत को दिखाती है। हालांकि, परेड पूरी तरह से सैन्य कार्यक्रम पर केंद्रित नहीं है। इसमें भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत का समृद्ध प्रदर्शन भी शामिल है। प्रत्येक राज्य अपनी अनूठी संस्कृति, परंपराओं और उपलब्धियों को दिखाते हुए एक सावधानीपूर्वक डिजाइन की गई झांकी को प्रस्तुत करता है। जीवंत लोक संगीत और नृत्य प्रदर्शन के साथ ही ये झांकियां दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं।

इस साल की परेड फ्रांसीसी सेना के शामिल होने से और भी खास बन जाएगी। पहली बार, फ्रांसीसी सैनिकों की एक टुकड़ी अपने भारतीय समकक्षों के साथ मार्च करेगी, जो दोनों देशों के बीच गहरी साझेदारी का प्रतीक है। इस सहयोगी भाव से उत्सव में सौहार्दपूर्ण माहौल और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग आने की उम्मीद है।

क्यों मनाया जाता है 26 जनवरी को गणतंत्र?

15 अगस्त ब्रिटिश शासन की बेड़ियों को तोड़कर एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में भारत के जन्म का प्रतीक है, वहीं 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस इसकी लोकतांत्रिक आत्मा-संविधान के जन्म का जश्न मनाता है। यह तारीख देश के इतिहास के ताने-बाने में बुनी हुई एक अनोखा महत्व रखती है। 1947 में आज़ादी के बाद, डॉ. बीआर अंबेडकर के नेतृत्व में एक टीम ने एक संविधान तैयार करने का महत्वपूर्ण कार्य शुरू किया जो नए राष्ट्र की पहचान को परिभाषित करेगा। दो वर्षों के गहन विचार-विमर्श के बाद, 24 जनवरी 1950 को संविधान को अपनाया गया। यह कोई सामान्य दस्तावेज़ नहीं था; यह एक लोकतांत्रिक, समतावादी और न्यायपूर्ण समाज की रूपरेखा स्थापित करते हुए नए गणतंत्र की जीवनधारा थी। संविधान दो दिन बाद, 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ, जिसने भारत को एक संप्रभु गणराज्य में परिवर्तित कर दिया। संविधान ने देश के शासकीय पाठ के रूप में ब्रिटिश औपनिवेशिक भारत सरकार अधिनियम (1935) का स्थान ले लिया।

परेड का समय और थीम

बता दें कि, गणतंत्र दिवस 2024 परेड की थीम ‘विकसित भारत’ और ‘भारत लोकतंत्र की मातृका’ है, जो कि लोकतंत्र के पोषक के रूप में भारत की भूमिका पर जोर देता है। वहीं शुक्रवार 26 जनवरी को सुबह 10:30 बजे नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर परेड कार्यक्रम आयोजित होगा। इस साल मुख्य अतिथि फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन होंगे इसलिए फ्रांस से परेड में 95 सदस्यीय मार्चिंग दल के साथ ही 33 सदस्यीय बैंड दल भी शामिल होंगे।

 

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