India News (इंडिया न्यूज), king Raman Rajamannan : भारत में पहले के समय में राजा-महाराजाओं का राज हुआ करता था। आजादी के बाद भी कुछ समय तक ये चलता रहा। लेकिन आज के समय में देश में राजाओं का राज खत्म हो गया है। लेकिन क्या आपको इस बारे में जानकारी है कि आज भी केरल में एक राजा हैं, जो कि अपने समुदाय के बीच शांति से रह रहे हैं। यहां पर हम रमन राजमन्नन की बात कर रहे हैं, जोकि मन्नान समुदाय के राजा हैं। खास बात ये हैं कि इस बार राजा रमन राजमन्नन को गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित किया गया है।
रमन राजमन्नन गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले पहले आदिवासी राजा होंगे। 76 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर रमन राजमन्नन अपनी पत्नी बिनुमोल के साथ शामिल होंगे। इसके लिए अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण मंत्री ओ. आर. केलू की तरफ से ही निमंत्रण दिया गया है।
रमन राजमन्नन कौन है?
बता दें कि रमन राजमन्नन केरल के इडुक्की जिले के कोझिमाला गांव से हैं। इनका असली नाम एन. बिनु है। रामन, मन्नान समुदाय के 17वें राजा हैं और 2012 में अपने पूर्वज राजा आर्यन राजामन्नन के निधन के बाद ताज संभाला था। जानकारी के मुताबिक मन्नान समुदाय एक अनुसूचित जनजाति है और इसके लोग मुख्य रूप से किसान और मजदूर होते हैं। रमन राजमन्नन की भूमिका केवल एक प्रतीकात्मक राजा की है, लेकिन उनके पास अपने समुदाय के लोगों का समर्थन और प्यार है। गणतंत्र दिवस समारोह पर मिले आमंत्रण पर रामन ने कहा कि यह उनके लिए एक विशेष अवसर है और वे इसे अपने समुदाय का प्रतिनिधित्व करने का मौका मानते हैं। इसके अलावा ये उनके पूरे समुदाय के लिए गर्व का विषय है।
साधारण जीवन जीते हैं राजा
आपको बता दें कि रमन राजमन्नन जरूर एक राजा हैं लेकिन उनका जीवन आम आदमी की तरह साधारण है। एक छोटे से घर में रहते हैं और खेती करते हैं। उनके पास कोई भव्य महल नहीं है, लेकिन वे अपने लोगों के दिलों में एक खास स्थान रखते हैं। उनका कहना है कि “हमारे लोग किसान और मजदूरी करते हैं,” और वे हमेशा अपने समुदाय की भलाई के लिए काम करते रहते हैं।मन्नान समुदाय इडुक्की वन्यजीव अभयारण्य के बफर जोन में करीब 48 बस्तियों में बसा हुआ है।
इनकी अपनी खास संस्कृति और परंपराएं हैं। यहां रहने वाले लोग पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हैं और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोकर रखते हैं। रमन राजमन्नन अपने समुदाय के समारोहों में भाग लेते हैं और विशेष कपड़े पहनते हैं, जैसे पगड़ी या टोपी।