India News (इंडिया न्यूज़), Manipur Violence: मणिपुर में लगातार जारी हिंसा के बीच कई लोग राज्य छोड़कर म्यांमार चले गए। सीमावर्ती शहर से म्यांमार गए 200 से अधिक लोगों को भारत सुरक्षित वापस लाया गया है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इन भारतीयों को वापस लाने के लिए सेना को धन्यवाद कहा है। शुक्रवार, 18 अगस्त को सीएम बीरेन सिंह ने एक ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर के मोरेह शहर से जातीय हिंसा भड़कने की वजह से पड़ोसी देश म्यांमार भागने वाले 212 भारतीय सुरक्षित वापस लौट आए हैं।

सीएम बीरेन सिंह ने ट्वीट कर कहा धन्यवाद

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इन भारतीय की वापसी के लिए भारतीय सेना को धन्यवाद किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “इन लोगों को घर लाने के लिए भारतीय सेना का बहुत-बहुत धन्यवाद। कर्नल राहुल जैन, जीओसी पूर्वी कमान, लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता, जीओसी 3 कॉर्प, 5 एआर के सीओ और लेफ्टिनेंट जनरल एचएस साही का बहुत शुक्रिया”

हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ मोरेह

बता दें कि मणिपुर की राजधानी इंफाल से करीब 110 किमी की दूरी पर स्थित मोरेह हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक रहा था। मोरेह में कुकी, मैतई के साथ-साथ तमिलों की भी मिश्रित आबादी रहती है। इसके अलावा यहां अन्य समुदाय के लोग भी हैं। साथ ही सीएम ने ये भी कहा कि जातीय और संघर्ष से ग्रस्त राज्य में शांति तथा सामान्य स्थिति बहाल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

हिंसा में 160 से अधिक लोगों की मौत

जानकारी दे दें कि 3 मई को राज्य में पहली बार जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। साथ काफी लोग घायल हो गए हैं। बता दें कि मणिपुर की कुल आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 फीसदी है और वे लोग ज्यादातर इंफाल घाटी में ही रहते हैं। जबकि आदिवासी नगा और कुकी समुदाय के लोगों की संख्या 40 फीसदी है और वे ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

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