India News (इंडिया न्यूज), RG Kar Medical College Case : सोमवार को शियालदह कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के आरोपी सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई है। संजय रॉय की सजा का ऐलान जज अनिर्बाण दास ने किया है। सजा के एलान होने के बाद से संजय रॉय की दो महिला वकील सैंजुति चक्रवर्ती और कविता सरकार चर्चा में बनी हुई हैं। दोषी को सजा तो सुना दी गई है, लेकिन अब आम जनता में इस बात को लेकर बात चल रही है कि संजय रॉय को फांसी क्यों नहीं दी गई है। असल में कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक संजय को फांसी से बचाने में दो महिला वकील, सैंजुति चक्रवर्ती और कविता सरकार ने अहम भुमिका निभाई है।

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संजय की वकीलों ने कौन से तर्क दिए?

संजय रॉय की दो वकील सैंजुति चक्रवर्ती और कविता सरकार ने संजय के पक्ष में साहसिक तरीके से दलीलें दीं. सैंजुति ने कहा, यह कोई दुर्लभ घटना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में आरोपी को सुधारने का मौका देने की बात कही है। उन्होंने आगे कहा, मामले के दस्तावेजों पर न्यूनतम संदेह होने पर किसी को दोषी ठहराना उचित नहीं है। सैंजुति ने आगे कहा कि, नेशनल यूनिवर्सिटी दिल्ली के एक शोध में मौत की सजा के खिलाफ चर्चा की गई है, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक स्थिति को भी ध्यान में रखने की बात कही गई है। मेरी अपील है कि मेरे मुवक्किल को मौत की सजा के बजाय कोई और सजा दी जाए।

‘जांच अभी पूरी नहीं हुई है’

कविता सरकार की तरफ से दलील दी गई है कि, सर, जांच अभी पूरी नहीं हुई है। आगे क्या तथ्य सामने आएंगे, हम नहीं जानते। अभी इतनी बड़ी सजा देने की बात कैसे सोची जा सकती है? इन दोनों वकीलों की दलीलों के अलावा, खुद को निर्दोष साबित करने के लिए संजय रॉय ने अदालत में बार-बार कहा, उस समय उस कमरे में मेरे लिए यह अपराध करना संभव नहीं था। मुझे फंसाया गया है। उसका दावा है, कोलकाता पुलिस से CBI हिरासत में लेने के बाद मुझे प्रताड़ित किया गया। मेरी मेडिकल जांच के दौरान कुछ नहीं मिला।

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