अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने पहाड़ के दुर्गम क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए एक बड़ा कदम लिया है। एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने अब ड्रोन के माध्यम से दवा भेजने का कदम उठाया है। शुरुआत में उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में टीबी की दवा भेजी गई।

बुधवार को ऋषिकेश एम्स के हेलीपैड पर ड्रोन सेवा का आसपास क्षेत्र में परीक्षण किया गया, जो सफल रहा। इस सफलता के बाद एम्स ऋषिकेश गुरुवार यानी आज पहली बार टिहरी जनपद में ड्रोन के जरिये टीबी के मरीजों के लिए दवा भेजेगा और वापस आते समय में यह ड्रोन मरीजों के सैंपल लेकर एम्स वापस आएगा।

एक घंटे के सफर में मिलेगी दवा

आज एम्स ऋषिकेश के हेलीपैड से टिहरी गढ़वाल के लिए टीबी की दवा लेकर ड्रोन ने उड़ान भरी। करीब एक घंटा इस सफर में लगा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टिहरी में चिकित्सक और स्टाफ की टीम ने ड्रोन से भेजे जाने वाली ये दवाएं प्राप्त की। उन्होंने बताया कि हमारा लंबी दूरी का यह प्रयास सफल रहा तो उत्तराखंड के अन्य जनपद में स्थित दुर्गम क्षेत्र में भी ड्रोन से दवा भेजने का काम शुरू किया जाएगा। प्रथम चरण में हमने इस कार्य के लिए चार ड्रोन सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है।

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