इंडिया न्यूज, नई दिल्ली। (Road Rage In India)। पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने कल जिस रोडरेज मामले में एक साल की सजा सुनाई, ऐसे मामले भारत में दंडनीय अपराध नहीं हैं। जबकि हर वर्ष देश में इस तरह के हजारों मामले सामने आते हैं।
2018 के आधिकारिक आंकड़ों पर अगर गौर करें तो हर रोज तीन लोग रोडरेज की घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। इस संबंध में मार्च 2018 में संसद में जानकारी दी गई है। उस समय यह मामला काफी उठा था और इस पर ठोस कानून बनाने की मांग की गई थी।
पिछले साल देश में रैश ड्राइविंग व रोडरेज के 2.15 लाख मामले आए थे। परिवाहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी है। पिछले साल मार्च में केरल हाई कोर्ट ने रोड रेज के एक मामले की सुनवाई के दौरान ऐसे मामले को दंडनीय अपराध बनाने का सुझाव दिया था।
जानिए होता है क्या है रोडरेज
रोडरेज, मतलब एग्रेसिव होकर ड्राइविंग करना। गाड़ी चलाते समय छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करना, आक्रामक रवैया अपनाना और आपस में मारपीट होना रोडरेज है। या यंू कहें कि ड्राइव करते समय अचानक किसी बात पर एक-दूसरे के बीच बहस होना और हाथापाई कर देना। ओवरटेक अथवा एक दूसरे की गाड़ी की हल्की टक्कर होने पर दुर्व्यवहार करना, एक दूसरे का अपमान करना या पैदल चलने वालों अथवा साइकिल से सड़क पर जा रहे लोगों धमकाने की कोशिश और खतरनाक तीरके से गाड़ी चलाना रोडरेज है। ऐसी घटनाओं में विवाद होने पर हमले हो सकते हैं जिससे गंभीर चोट लग सकती है और मौत भी हो सकती है।
क्यों होती हैं रोडरेज की घटनाएं, समझें कारण
- गाड़ी चालकों के बीच असहनशीलता का बढ़ना
- जनसंख्या और वाहनों की संख्या में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी
- सड़कों के इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी भी रोडरेज का कारण
- गांवों से ज्यादातर लोगों का शहरों में रुख करना
- वाहन में मामूली टक्कर लगने पर भी मारपीट हो जाती है
वाहनों की तादाद में वृद्धि के हिसाब से नहीं बढ़ रही सड़कें
देश की राजधानी दिल्ली में पिछले 20 वर्ष में गाड़ियों की संख्या में तो कई गुना वृद्धि हो गई लेकिन सड़कें तो उस हिसाब से नहीं बढ़ीं। 20 साल में जहां दिल्ली में वाहनों की संख्या में 212 फीसदी बढ़ोतरी हुई वहीं सड़कों की लंबाई केवल 17 फीसदी बढ़ी हैं। नतीजा यह होता है कि लोगों को पहले की तुलना में सड़कों पर जाम आदि की वजह से ज्यादा देर ठहरना पड़ता है। इस कारण उनके बीच फ्रस्ट्रेशन, हताशा व एक दूसरे के बीच नाराजगी बढ़ती है। इस तरह के मुद्दे ही हिंसक रूप ले लेते हैं।
देश में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कई धाराएं पर…
रोडरेज भारत में दंडनीय अपराध नहीं है, जबकि विदेशों में ऐसे मामलों में सजा का प्रावधान है। हमारे देश में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ऐसी कई धाराएं हैं भी जो सड़क पर घायल होने अथवा तेज गति से गाड़ी चलाने से जुड़ी हैं, लेकिन इसमें ऐसी कोई धारा नहीं है जो रोड रेज को दंडनीय अपराध बनाए। सिंगापुर, आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में रोड रेज दंडनीय अपराध है।
सिंगापुर में 2 साल जेल, आस्ट्रेलिया में 5 वर्ष जेल, 54 लाख जुर्माना
सिंगापुर के कानून में रोडरेज एक गंभीर अपराध है। वहां दोषी को 2 साल की जेल अथवा चार लाख के करीब जुर्माना लगाने का प्रावधान है। आस्ट्रेलिया में भी रोडरेज पर सख्त कानून है। इस देश के न्यू साउथ वेल्स में तो रोडरेज के मामले में पांच साल तक जेल और 54 लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है। इसी के साथ आरोपी ड्राइवर को अयोग्य भी करार दिया जा सकता है। ब्रिटेन में रोड रेज के मामले में दोषी को 10 हजार से लेकर ढाई लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है।
(Road Rage – Navjot Singh Sidhu Case)
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