इंडिया न्यूज, नागपुर (RSS Chief Mohan Bhagwat) : विजयादशमी उत्सव के मौके पर आज आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर के रेशमीबाग में संबोधित किया। मोहन भागवत ने संघ मुख्यालय में शस्त्र पूजन में हिस्सा लिया। दरअसल, दशहरा के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शस्त्र पूजन की परंपरा है। आज इस परंपरा को नागपुर में निभाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में आज पर्वतारोही और हिमालय की चोटी पर पहुंचने वाली पद्मश्री संतोष यादव मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
इस दौरान मोहन भागवत ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा शक्ति हर बात का आधार है। डा. हेडगेवार के समय से अनेक महिलाएं, संघ के कई कार्यक्रमों में आती रही हैं। समाज को संगठित करना है तो समाज तो दोनों से बनता है। इसलिए महिला-पुरुष में श्रेष्ठ कौन इसका विचार हम नहीं करते। मातृशक्ति के जागरण का कार्यक्रम अपने परिवार से प्रारंभ करना होगा, फैसला लेने में महिलाओं को भी साबित करना होगा।
मोहन भागवत ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों में स्वार्थ और द्वेष के आधार पर दूरियां और दुश्मनी बनाने का काम स्वतन्त्र भारत में भी चल रहा है। उनके बहकावे में नहीं फंसना चाहिए और भाषा, पंथ, प्रांत, नीति कोई भी हो, उनके प्रति निमोर्ही होकर निर्भयतापूर्वक उनका निषेध करना चाहिए।
मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। हमने श्रीलंका को उसके आर्थिक संकट में मदद की। यूक्रेन में अमेरिका और रूस की लड़ाई में हमने अपने हित को सबसे आगे रखाञ मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में हम लगातार सफल होते जा रहे हैं और स्वावलंबी होते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कि भारत की प्रगति न हो। वे सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ते हैं, हमारे बीच दूरियां बढ़ाने की कोशिश करते हैं। इन लोगों की कोशिश है कि देश में आतंक बढ़े, अराजकता का वातावरण बने लोगों में नियम कानून के प्रति सम्मान ना रहे। शासन ऐसे लोगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है।
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मोहन भागवत ने हिन्दू और हिंदुस्तान पर भी अपने विचार रखें और कहा कि हिंदुस्तान एक हिंदू राष्ट्र है, लेकिन हमारा किसी से विरोध नहीं है। हमें किसी को जीतना नहीं है बल्कि जोड़ना है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय से मिलना जुलना कोई नहीं घटना नहीं है। यह पिछले दो साल से लगातार चल रहा है, यह पिछले कुछ समय की पहल नहीं है।
पिछले कुछ समय में, कुछ राज्यों जैसे उदयपुर, में जो घटनाएं हुईं, उसका विरोध हुआ. कुछ मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने भी उसका विरोध किया. ऐसी घटनाओं का मुखर होकर विरोध करना पड़ेगा. ऐसी घटना, अगर किसी हिंदू ने किया, उसका हमने विरोध किया. अगर गलत होता है तो समाज हमारी भी खिंचाई करता है।
संघ प्रमुख ने कहा कि यह एक मिथक है कि करियर के लिए अंग्रेजी जरूरी है। अंग्रेजों ने भारत पर अपनी शिक्षा नीति लादी। उसी शिक्षा नीति से पढ़कर निकले हुए अनेक महापुरुष आगे चलकर अंग्रेजों के विरोध में लड़े। नई शिक्षा नीति से छात्र उच्च संस्कारी, अच्छे इंसान बनें जो देशभक्ति से भी प्रेरित हों, यही सबकी इच्छा है. समाज को इसका सक्रिय रूप से समर्थन करने की जरूरत है। शिक्षा के साथ-साथ परिवार और समाज के संस्कार भी जरूरी हैं।
बता दें कि 1925 में डॉ केशव बलिराम हेडगेवार ने दशहरे के दिन ही नागपुर में संघ की स्थापना हुई थी। इस दिन देश भर में संघ पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन करता है। संघ के 97 साल के इतिहास में पहली बार कोई महिला इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई हैं।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद रहे। नागपुर में आरएसएस के स्वयंसेवकों ने विजयादशमी उत्सव के मौके पर पथसंचलन किया। डॉ हेडगेवार स्मृति मंदिर रेशमीबाग से यह पथसंचलन शुरू हुआ और शहर के अन्य मार्ग से होता हुआ वापस रेशमीबाग पहुंचा।
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