India News(इंडिया न्यूज),RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत अपने बेबाक बयान के लिए जाने जाते है। बुधवार को पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होने कहा कि, दुनिया अब तक कई सवालों के जवाब ढूंढ़ने में नाकाम रही है और अब सोचती है कि भारत उनका समाधान प्रदान कर सकता है। देश में राष्ट्रीय जागृति का काम चल रहा है और इस समय भारत को बौद्धिक क्षत्रियों की जरूरत है। बता दें कि, RSS संघ प्रमुख मोहन भागवत पुणे में संत रामदास द्वारा लिखित और धुले स्थित श्री समर्थ वाग्देवता मंदिर द्वारा संपादित मूल वाल्मीकि रामायण के आठ खंडों के विमोचन के अवसर पर संबोधन कर रहे थे। जहां उन्होंने कहा कि, समाज को दिशा दिखाने के लिए आदर्श राजा का स्वरूप स्थापित करना आवश्यक है।

बताया धर्म की रक्षा का मतलब

विमोचन में आरएसएस प्रमुख ने शिवाजी के विषय में बोलते हुए कहा कि, समर्थ रामदास का समय आक्रमणों से भरा था और छत्रपति शिवाजी महाराज ने इन आक्रमणों का जवाब दिया था। इसके बाद उन्होने कहा कि, लड़ना धर्म की रक्षा का सिर्फ एक पहलू है। लेकिन धर्म की रक्षा का मतलब केवल लड़ना नहीं है। प्रतिकार करना, ज्ञानवर्द्धन करना, शोध करना और अभ्यास करना भी धर्म की रक्षा के तरीके हैं।

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