India News(इंडिया न्यूज),Rudram-II: भारत ने Su-30MKI लड़ाकू विमान से हवा से सतह पर मार करने वाली एंटी-रेडिएशन मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रुद्रम-II एंटी-रेडिएशन सुपरसोनिक मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है।
DRDO का किया सफल
इस उड़ान परीक्षण ने सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा किया प्रणोदन प्रणाली और नियंत्रण एवं मार्गदर्शन एल्गोरिदम को मान्य किया। रुद्रम मिसाइल पहली स्वदेशी रूप से विकसित एंटी-रेडिएशन मिसाइल है जिसे दुश्मन के वायु रक्षा (SEAD) मिशनों के दमन में दुश्मन के ग्राउंड रडार और संचार स्टेशनों को लक्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।रुद्रम-II मार्क-1 संस्करण का नवीनतम संस्करण है जिसका परीक्षण चार साल पहले भारत के लड़ाकू बेड़े की रीढ़ Su-30MKI द्वारा किया गया था।
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स्वदेशी रूप से विकसित ठोस प्रणोदक वायु-प्रक्षेपित मिसाइल प्रणाली, रुद्रम-II सबसे बेहतरीन में से एक है और इसका उद्देश्य कई प्रकार की दुश्मन संपत्तियों को बेअसर करना है। भारत वर्तमान में रूसी एंटी-रेडिएशन मिसाइल Kh-31 का संचालन करता है। रुद्रम मिसाइलें Kh-31 की जगह लेंगी।
आधिकारी ने दी जानकारी
इसके साथ ही अधिकारी ने बयान में कहा कि रुद्रम-II मिसाइल के प्रदर्शन की पुष्टि जहाज पर मौजूद जहाज सहित विभिन्न स्थानों पर एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर द्वारा तैनात इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री स्टेशनों जैसे रेंज ट्रैकिंग उपकरणों द्वारा कैप्चर किए गए उड़ान डेटा से की गई है।” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रुद्रम-II के सफल परीक्षण पर DRDO, IAF और उद्योग को बधाई दी।
रक्षा मंत्री ने दी बधाई
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सफल परीक्षण ने सशस्त्र बलों के लिए एक बल गुणक के रूप में रुद्रएम-II प्रणाली की भूमिका को मजबूत किया है। @DRDO_India ने ओडिशा के तट से दूर भारतीय वायु सेना (IAF) के Su-30 MK-I प्लेटफॉर्म से रुद्रएम-II एयर-टू-सरफेस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
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मिसाइल को कई ऊंचाई से लॉन्च किया जा सकता है और यह 100 किलोमीटर से अधिक की रेंज से दुश्मन की रेडियो फ्रीक्वेंसी और रडार से सिग्नल पकड़ सकती है। मिसाइल लॉक-ऑन-बिफोर/आफ्टर-लॉन्च सिस्टम में काम कर सकती है। मिसाइल की आंतरिक मार्गदर्शन प्रणाली इसे लॉन्च के बाद लक्ष्य की ओर निर्देशित करने की अनुमति देती है।
जानें क्या है रुद्रम-II
रुद्रम-1 संस्करण का परीक्षण 2020 में ओडिशा के पूर्वी तट पर सुखोई से किया गया था। रुद्रम-1 संस्करण में दो सीकर हैं – एक पैसिव-होमिंग हेड सीकर, जो कई रेडियो फ्रीक्वेंसी पर लक्ष्यों का पता लगा सकता है और उन्हें वर्गीकृत कर सकता है और एक मिलीमीटर वेव (MMW) सीकर जो मिसाइल को विभिन्न मौसम स्थितियों में संचालित करने में मदद करता है।