Categories: देश

Russia Ukraine War Crisis: क्या रूस का यूक्रेन पर हमला तीसरे विश्व युद्ध का संकेत है?

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Russia Ukraine War Crisis: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का (Russian President Vladimir Putin) सिग्नल मिलते बीते वीरवार यानी (24 फरवरी 2022) को रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया, साथ ही रूसी सेना ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई भी शुरू कर दी। रूस की ओर से यूक्रेन पर किए गए हमले से पूरी दुनिया में युद्ध का संकट गहराने लगा है। रूस के इस कदम की दुनिया के कई देशों ने निंदा की।

वहीं माना जा रहा है कि अगर रूस और अमेरिकी प्रभुत्व वाले नाटो देशों के बीच तनाव अगर बढ़ता है तो ये दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध की ओर ले जा सकता है। इससे पहले भी दुनिया में दो बार छोटी-छोटी घटनाओं ने कई बड़े देशों को युद्ध के मैदान में ला खड़ा किया था और दुनिया को दो विनाशकारी वर्ल्ड वॉर झेलने पड़े थे। तो आइए जानते हैं कि क्या तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो चुका है, और पहला, दूसरा विश्व युद्ध क्या था। (Russia Ukraine War Crisis)

रूस का यूक्रेन पर हमले का कारण क्या? (What is the reason for Russia’s attack on Ukraine)

  • रूस का यूक्रेन पर हमले की मूल वजह यूक्रेन के नाटो से जुड़ने की कोशिश है। नाटो 30 देशों का सैन्य गठबंधन है, जिसमें अमेरिकी की चलती है। रूस नहीं चाहता कि उसका सीमावर्ती देश अमेरिकी प्रभुत्व वाले संगठन से जुड़े। यूक्रेन के नाटो से जुड़ने से नाटो की सेनाएं रूस की सीमा तक पहुंच जाएंगी, जिससे उसकी सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो जाएगा।
  • यूक्रेन को नाटो से जुड़ने से रोकने के लिए पहले रूस ने उसकी सीमा पर लाखों की संख्या में सैनिक तैनात किए और अब उस पर हमला कर दिया है। अगर यूक्रेन की मदद के लिए नाटो देशों ने रूस के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की तो दुनिया में एक और विश्व युद्ध छिड़ सकता है।

क्यों भारत रूस-यूक्रेन के युद्ध से है दूर?

अजीब संयोग ये है कि पहले विश्व युद्ध के दौरान दुनिया में स्पेनिश फ्लू नामक महामारी फैली थी और इस समय दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। अब तक भारत रूस-यूक्रेन विवाद में तटस्थ नजर आया है, लेकिन तीसरा विश्व युद्ध छिड़ने पर भारत के लिए रूस और अमेरिका में से किसी एक को चुनना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि दोनों के साथ भारत के मजबूत संबंध हैं। भारत जितना संभव हो, इस युद्ध से दूर रहने का प्रयास करेगा, लेकिन अगर उसे युद्ध में कूदना पड़ा तो वो किसके पक्ष में जाएगा, ये काफी हद तक उस समय की दुनिया की राजनीतिक स्थितियों पर निर्भर करेगा।

अगर रूस-अमेरिका टकराते हैं तो क्यों मचेगी तबाही? (Russia Ukraine War Crisis)

  • रूस, अमेरिका और पश्चिमी देशों की तमाम धमकियों के बावजूद यूक्रेन विवाद में टस से मस नहीं हुआ है। उसने शुरू से ही आक्रामक रुख अपना रखा है और अब यूक्रेन पर हमला करते हुए उसने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। रूस न केवल यूक्रेन बल्कि इस बार अमेरिका और नाटो देशों से भी भिड़ने को तैयार है। यूक्रेन पर हमले का आदेश देते हुए रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने एक तरह से अमेरिका और नाटो देशों को ही खुली धमकी दे डाली।
  • पुतिन ने अमेरिका और नाटो को धमकाते हुए कहा कि यूक्रेन मामले में अगर कोई बाहरी देश घुसता है तो उसे तुरंत जवाब मिलेगा और वह ऐसा होगा जो इतिहास ने कभी नहीं देखा होगा। रूस-यूक्रेन विवाद में अब तक अमेरिका समेत बड़े यूरोपीय देश जुबानी जंग ही छेड़ते नजर आए हैं, लेकिन यूक्रेन पर रूसी हमला गहराने पर ये देश सैन्य कार्रवाई का विकल्प भी आजमा सकते हैं।
  • अगर अमेरिकी नेतृत्व वाले 30 देशों के संगठन नाटो ने यूक्रेन का साथ दिया तो एक बड़ा युद्ध छिड़ सकता, जो तीसरा वर्ल्ड वॉर होगा। अमेरिका और यूरोपीय देशों के लिए बहुत देर तक रूस के खिलाफ कार्रवाई से बचना संभव नहीं होगा। अगर नाटो देश रूस के खिलाफ एक्शन नहीं ले पाते हैं तो ये अमेरिकी नेतृत्व वाले इस संगठन के लिए रूसी दबदबे के सामने झुकने जैसा होगा।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका जानता है कि उसके और रूस के बीच सीधे युद्ध का परिणाम तीसरा वर्ल्ड वॉर होगा, इसलिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अमेरिका की रूस के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को जब तक संभव हो टालना चाहते हैं।नाटो देश अगर मिलकर रूस के खिलाफ मोर्चा खोलते हैं, तो अब दुनिया की एक और महाशक्ति चीन रूस का साथ देगा। चीन यूक्रेन मामले में खुलकर रूस का समर्थन कर चुका है। अगर तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो ये पहली बार होगा जब अमेरिका और रूस एक-दूसरे के खिलाफ लड़ेंगे। इससे पहले के दो विश्व युद्ध में अमेरिका और रूस एक ही खेमे में थे।

क्यों पहले विश्व युद्ध में जर्मनी हारा था?

  • पहला विश्व युद्ध दो ताकतवर गठबंधनों के बीच हुआ था। एक ओर थी केंद्रीय शक्तियां-जिनमें जर्मनी, आॅस्ट्रिया, हंगरी, तुर्की और बुल्गारिया शामिल थे। वहीं तो दूसरी ओर थे-ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, इटली, जापान और अमेरिका। 20वीं सदी की शुरूआत में यूरोप ताकतवर देशों के दो धड़ों में बंट चुका था। 28 जून 1914 को आॅस्ट्रिया-हंगरी के सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की बोस्निया में एक सर्बियाई ने गोली मारकर हत्या कर दी।
  • इस हत्या से पूरा यूरोप सकते में आ गया। आस्ट्रिया ने इस घटना के लिए सर्बिया को जिम्मेदार ठहराया और 48 घंटे के अंदर अपना पक्ष रखने को कहा, लेकिन सर्बिया ने आॅस्ट्रिया की मांग नजरअंदाज कर दी। इससे नाराज आस्ट्रिया ने 28 जुलाई 1914 को सर्बिया पर हमला बोल दिया। इसके साथ ही पहले विश्व युद्ध की शुरुआत हो गई। दोस्त सर्बिया का साथ देने के लिए रूस भी लड़ाई में कूद गया।
  • उधर जर्मनी अपने मित्रों आस्ट्रिया-हंगरी की मदद के लिए लड़ाई में शामिल हो गया। जर्मनी के बेल्जियम पर हमले से ब्रिटेन भी लड़ाई में शामिल हो गया। शुरू में अमेरिका इस युद्ध का हिस्सा नहीं था, लेकिन 1917 में अमेरिका भी मित्र राष्ट्रों की ओर से युद्ध में शामिल हो गया।
  • पहला विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला। इस युद्ध में 90 लाख से ज्यादा लोगों को जान गंवानी पड़ी थी, जिनमें 50 लाख आम नागरिक थे। 11 नवंबर 1918 को जर्मनी के सरेंडर के साथ ही पहला विश्व युद्ध समाप्त हुआ था। इसमें ब्रिटेन, अमेरिका के नेतृत्व वाले मित्र राष्ट्रों की जीत हुई थी जबकि जर्मनी के गुट वाले देशों की हार हुई थी।
  • विवाद के निपटारे के लिए 28 जून 1919 को जर्मनी और मित्र राष्ट्रों के बीच वर्साय संधि हुई। इस संधि के तहत जर्मनी को एक बड़े हिस्से को गंवाना पड़ा और उस पर कई प्रतिबंध भी लगे। इस विश्व युद्ध के आसपास ही दुनिया में स्पेनिश फ्लू नामक महामारी फैली थी, जिससे दुनिया भर में 5 करोड़ लोगों की जान चली गई थी। पहले विश्व युद्ध के दौरान भारत पर ब्रिटेन का शासन था और इस युद्ध में भारतीय सैनिक ब्रिटेन की सेना की ओर से लड़े थे।

क्या पोलैंड पर हमला था दूसरा विश्व युद्ध का कारण?

  • दूसरे विश्व युद्ध के बीज पहले विश्व युद्ध में ही छिपे थे। जर्मनी को वर्साय संधि करने को मजबूर कर दिया गया। युद्ध का दोषी मानते हुए जर्मनी पर आर्थिक दंड भी लगाया गया था और उसके प्रमुख औपनिवेशिक क्षेत्रों को ले लिया गया था। इससे जर्मनी और इटली में उग्र राष्ट्रवाद का उदय हुआ। इटली में 1922 में बेनिटो मुसोलिनी और जर्मनी में 1933 में एडोल्फ हिटलर के रूप में फासीवादी तानाशाही सरकारों का गठन हुआ।
  • हिटलर के नेतृत्व में जर्मनी ने मार्च 1939 में चेकोस्लोवाकिया पर हमला करके उस पर कब्जा कर लिया। जर्मन सेनाओं ने इसके बाद एक सितंबर 1939 को पोलैंड पर हमला कर दिया। पोलैंड की मदद के लिए ब्रिटेन और फ्रांस ने जर्मनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इस हमले से दूसरे विश्व युद्ध की शुरूआत हुई।
  • दूसरा विश्व युद्ध दो गुटों के बीच लड़ा गया था। एक ओर थे धुरी राष्ट्र-जिसमें जर्मनी, इटली, जापान, आॅस्ट्रिया शामिल थे। तो वहीं दूसरी ओर थे मित्र राष्ट्र- जिनमें ब्रिटेन, फ्रांस, सोवियत संघ, अमेरिका और कुछ हद तक चीन शामिल था। शुरू में जर्मनी को सफलता मिली और उसने फ्रांस को जीत लिया, लेकिन जर्मन सेनाओं को सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध में मुंह की खानी पड़ी।
  • 1941 में जापान के अमेरिका के पर्ल हार्बर नेवी बेस पर हवाई हमले से अमेरिका भी इस युद्ध में कूद पड़ा। अमेरिका के आने से मित्र राष्ट्रों की ताकत बढ़ गई और जर्मनी के नेतृत्व वाले गुट की हार होने लगी। जर्मनी को हारता देखकर उसके तानाशाह हिटलर ने 30 अप्रैल 1945 को आत्महत्या कर ली, जिसके बाद जर्मनी ने आत्मसमर्पण कर दिया।
  • अमेरिका ने 6 अगस्त और 9 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु बम गिराए, जिसमें लाखों लोग मारे गए। इससे 2 सितंबर 1945 को जापान ने सरेंडर कर दिया और दूसरा विश्व युद्ध खत्म हो गया। दूसरा विश्व युद्ध एक सितंबर 1939 से 2 सितंबर 1945 तक चला था।
  • इसमें करीब 7 से 8.5 करोड़ लोग मारे गए। इस वर्ल्ड वॉर में दुनिया के 30 प्रमुख देश और 10 करोड़ सैनिक शामिल हुए थे। दूसरे विश्व युद्ध में भी भारतीय सैनिक ब्रिटेन की सेना के तौर पर युद्ध में शामिल हुए थे।

Russia Ukraine War Crisis

READ ALSO: Russia Ukraine War Impact : रूसी लड़ाकू विमानों की गरजन से सहमे लोग, चौतरफा अफरातफरी

READ ALSO: Russia And Ukraine Dispute: अमेरिका समेत कई देशों में भारी पड़ रहा रूस, जानिए कैसे?

READ ALSO: Russian Army will Camp in Donetsk and Luhansk : रूस की सेना डोनेत्स्क और लुहांस्क में डालेगी डेरा, दुनिया में हलचल

Connect With Us : Twitter Facebook

Suman Tiwari

Recent Posts

Свечные паттерны: Разворотные свечные модели оптимальные точки входа

Contents:Как определить разворот тренда на ФорексТест стратегии форекс «Лимитка»: +95,14% по GBP/USD за 12 месПример…

4 years ago

Navratri 2022 9th Day Maa Siddhidatri Puja Vidhi Vrat Katha Mantra Aarti in Hindi

Navratri 2022 9th Day Maa Siddhidatri Puja Vidhi Vrat Katha Mantra Aarti in Hindi: नवरात्र…

4 years ago

gopro trading: Advanced Trading Tools

Contents:Selling your item to BuyBackWorld is as easy as…GoPro swings to a surprise profit but…

3 years ago

redeeming old travellers cheques: Terms used in banking business such as Budget Deficit,Bull Market,Buoyancy, Business of Banking etc

Contents:India DictionaryProject Finance & Structuring SBUTop Reasons to Start Investing at an Early AgeManaging money…

3 years ago

Sonia Gandhi Meet Opposition parties : सोनिया गांधी आज करेंगी विपक्षी दलों की बैठक, अरविंद केजरीवाल की आप को नहीं बुलाया

Sonia Gandhi Meet Opposition parties : कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी शुक्रवार को वीडियो…

3 years ago

Bollywood Actress Troll : बॉलीवुड की इस एक्ट्रेस को अफगानी होने पर लोगों ने किया ट्रोल

Bollywood Actress Troll : 2018 में फिल्म लवयात्री से बॉलीवुड में एंट्री करने वाली एक्ट्रेस…

3 years ago