India News(इंडिया न्यूज), Sadhguru on Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हो रही हिंसा पर बहुत से लोग रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। इस बीच कथावाचक सद्गुरू ने बयान दिया है। आप देख रहे हैं कि कैसे बांग्लादेश हिंसा की आग में हिंदू झुलस रहे हैं। विरोध प्रदर्शन का हिंसा कब हिंदू बन गए पता ही नहीं चला। सैकड़ों में लोग मारे गए, घर जलाए गए, मंदिरो में आग लगी और महिलाओं के साथ दुष्कर्म। दुनिया इस देश के हिंदुओं को बेचारा कहकर इनके इंसाफ की गुहार लगा रही है। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं कि सद्गुरू ने इस पर क्या बयान दिया है।
सद्गुरू ने बांग्लादेश हिंसा पर तोड़ी चुप्पी
बांग्लादेश में हो रही हिंसा पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में हो रहे जघन्य अत्याचारों पर तत्काल रोक लगाना बेहद जरूरी है, लेकिन इन अत्याचारों का विस्तृत दस्तावेजीकरण करना भी उतना ही जरूरी है। हाल के दिनों में खींची गई राष्ट्रीय सीमाएं निरपेक्ष नहीं हैं। सांस्कृतिक संबंध और सभ्यतागत जुड़ाव कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। भारत को सीमा की तर्कसंगतता से नहीं, बल्कि 75 साल से भी पुरानी सभ्यता की व्यापक वास्तविकताओं से बंधे रहना चाहिए।”
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अल्पसंख्यंको को सुरक्षित रखना, हमारा फर्ज
वहीं, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन ने सोमवार को अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर बोलते हुए कहा, “हमने निर्देश दिए हैं। अपने अल्पसंख्यक भाइयों की सुरक्षा करना बहुसंख्यक समुदाय का सबसे बड़ा कर्तव्य है। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं और इसके बजाय मस्जिद में नमाज अदा करने में व्यस्त हैं, तो उन्हें जवाब देना होगा कि वे सुरक्षा प्रदान करने में विफल क्यों रहे।”