India News (इंडिया न्यूज), Sadhvi Pragya X Post : भोपाल से भाजपा की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपनी एक तस्वीर शेयर की है। एक्स पर पोस्ट कि गई तस्वीर के कैप्शन में लिखा है कि ATS के जरिए कॉन्ग्रेस के टॉर्चर के कारण उनके ब्रेन में सूजन आ गई है, आंखों से देखने और कानों से सुनने में कठिनाई जैसी समस्याएं हो गई। तस्वीर को देखने पर साध्वी प्रज्ञा काफी बीमार दिखाई दे रही हैं। इसके अलावा उसका चहरा बी हद से ज्यादा सूचा हुआ है। असल में 2008 में हुए मालेगाँव ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा आरोपित हैं। ये मामला अभी कोर्ट में चल रहा है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से मेडिकल के आधार पर साध्वी प्रज्ञा अदालत में पेश नहीं हो रही हैं।
‘जिंदा रही तो कोर्ट अवश्य जाऊंगी’
एक्स पर अपलोड किए गए पोस्ट में साध्वी प्रज्ञा ने लिखा है कि, कांग्रेस का टॉर्चर सिर्फ ATS कस्टडी तक ही नहीं, मेरे जीवन भर के लिए मृत्युदायी कष्ट का कारण हो गए हैं। ब्रेन में सूजन, आंखों से कम दिखना, कानों से कम सुनाई देना, बोलने में असंतुलन, स्टेरॉयड और न्यूरो की दवाओं से पूरे शरीर में सूजन। एक हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है। जिंदा रही तो कोर्ट अवश्य जाऊंगी।
वहीं मालेगाँव ब्लास्ट मामला राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा को जमानती वारंट जारी किया है। उनका कहना है कि मामले की फाइनल बहस चल रही है और आरोपित का कोर्ट में होना जरूरी है।
‘सारा षड्यंत्र कांग्रेस का था’
साध्वी प्रज्ञा ने 2020 में रिपब्लिक टीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में कई बड़े खुलासे किए थे। साध्वी प्रज्ञा ने बताया था कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की उपस्थिति में 3-4 पुलिसकर्मियों ने उन्हें बहुत अधिक प्रताड़ित किया था। उन्हें हिरासत में लेकर बेल्ट से इस तरह पीटा गया कि उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई और उन्हें वेंटिलेटर पर जाना पड़ा था। उन्होंने बताया कि रासत के दौरान उन्हें पॉर्न वीडियो दिखाया गया और उनसे भद्दे सवाल किए गए। उनको पहले भगवा आतंकी कहा गया और भारत को आतंकवादी देश घोषित करवाने का प्रयास हुआ। आन सब के पीछे कांग्रेस का षड्यंत्र था।
क्या है पूरा मामला
असल में 29 सितम्बर को मालेगांव में धमाके हुए थे। धमाके के लिए मोटरसाईकिल का यूज किया गया था। इस हमले में 9 लोगों की मृत्यु हुई थी और 100 से अधिक घायल हुए थे। इस मामले में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित समेत अन्य लोगों को आरोपित बनाया गया था। NIA द्वारा वर्ष 2016 में दाखिल अंतिम चार्जशीट में उनका नाम नहीं था और उन्हें जमानत मिल गई थी। उनको इस मामले में दोषी नहीं माना गया था। साध्वी प्रज्ञा बताया था कि कॉन्ग्रेस की ध्रुवीकरण की राजनीति के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया था जिसका नेतृत्व तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम कर रहे थे।
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