Same Sex Marriage: समलैंगिक विवाह का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई चल रही है। सुनवाई में  याचिकाकर्ता के वकील मुकुल रोहतगी ने अपने पक्ष में कहा कि हमारे मौलि क अधिकारों का हनन हो रहा है, और अगर किसी के मौलिक अधिकार प्रभावित होता है, तो उसे इस अदालत में आने का अधिकार है।

मेरे पास वजहें पहले से मौजूद- मुकुल रोहतगी

मुकुल रोहतगी ने कहा कि मैं बेंच से किसी नई बात के बारे में बात नहीं कर रहा हूं। खजुराहो और हमारी पुरानी पुस्तकों में पहले से ही इसका उल्लेख मौजूद है, लेकिन हम इस प्रक्रिया को अनाआपराधिक होकर ही रह गया। मैं आपसे कोई असंवैधानिक बात नहीं कर रहा हूं।

जस्टिस एस रविन्द्र भट्ट ने पूछे सवाल

याचिकाकर्ता पक्ष से जस्टिस एस रविन्द्र भट्ट ने पूछा कि एक मुख्य भाग के लिए आप चाहते हैं कि यहां पर जेंडर न्यूट्रल हो जाए लेकिन भाग सी के लिए आप पुरुष और महिला में भेद को बनाए रखना चाहते हैं। बेंच ने मुकुल रोहतगी से पूछा कि आप एक तर्क में महिला और पुरुष में भेद की बात कर रहे हैं, और एक तर्क में जेंडर न्यूट्रल बनना चाह रहे हैं, आखिर आप चाहते क्या हैं? क्या आप सिर्फ उन बातों को महत्व दे रहे हैं जो सिर्फ आपको सूट कर रहा है। इसके बाद मुकुल रोहतगी स्पेशल मैरिज एक्ट के प्रावधानों को पढ़ने लगे।

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