देश

Same-Sex Marriage: सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक शादी को मान्यता देने से किया इनकार, जानें क्या कहा

India News (इंडिया न्यूज़), Same-Sex Marriage: देश में कई दिनों से चर्चा का विषय रहने वाले समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंगलवार को आया। इस मामले में सुप्रीम कोर्टने इनकार कर दिया। सीजेआई ने कहा कि ये संसद के अधिकार क्षेत्र पर है। CJI ने ये भी कहा कि समलैंगिकों को बच्चा गोद लेने का अधिकार है। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को समलैंगिकों के लिए उचित कदम उठाने के आदेश दिए।

बता दें कि इस मामले में मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट की इस पीठ में सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल,जस्टिस एस रवींद्र भट, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पी एस नरसिम्हा शामिल रहे। इससे पहल पीठ ने 10 दिनों तक संबंधित दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 11 मई 2023 को फैसला सुरक्षित रखा था।

फैसले में CJI ने क्या कहा?

चीफ जस्टिस ने अपने फैसले में कहा कि साथी चुनने को सबको अधिकार है। कौन पार्टनर हो और किसके साथ कौन रहे यह अधिकार मिला हुआ है। राइट टू यूनियन आर्टिकल 19 (1) (ई) में मिला हुआ है और यह अधिकार है। लाइफ पार्टनर को पसंद करने और चुनने का अधिकार कोर है। यह जीवन के अधिकार में मिले अधिकार है। पार्टनर चुनने का अधिकार जीवन में सबसे महत्वपूर्ण फैसले में से एक है।

सीजेआई ने कहा कि “इस न्यायालय ने माना है कि समलैंगिक व्यक्तियों के साथ भेदभाव नहीं किया जाता है और उनके संघ में यौन अभिविन्यास के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है। समलैंगिक व्यक्तियों सहित सभी व्यक्तियों को अपने जीवन की नैतिक गुणवत्ता का न्याय करने का अधिकार है। एक का लिंग व्यक्ति अपनी कामुकता के समान नहीं है।”

क्या है पूरा मामला?

इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट समेत कई अलग-अलग अदालतों में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग को लिए याचिकाएं दायर की गई थी। इन याचिकाओं में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का निर्देश जारी करने की मांग हुई थी।

पिछले साल 14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट में पेंडिंग दो याचिकाओं को ट्रांसफर करने की मांग को लेकर केंद्र से जवाब मांगा था। इससे पहले दो जोड़ों ने अपनी शादी को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की भी मांग की थी। इस साल 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी याचिकाओं को एक साथ अपने पास ट्रांसफर कर लिया था।

सरकार करती रही याचिकाओं का विरोध

बता दें कि, केंद्र सरकार शुरू से ही इस मांग को लेकर विरोध करती रही है। सरकार ने कहा कि ये न केवल देश की सांस्कृतिक और नैतिक परंपरा के खिलाफ है साथ ही इसे मान्यता देने से पहले 28 कानूनों 160 प्रावधानों में बदलाव करते हुए पर्सनल लॉ से भी छेड़छाड़ करनी होगी।

वहीं, सुनवाई के दौरान पीठ ने एक बार यहां तक कहा कि बिना कानूनी मान्यता के ही सरकार इन लोगों को राहत देने के लिए क्या कर सकती है? यानी की बैंक अकाउंट, विरासत, बीमा बच्चा गोद लेने आदि के लेकर सरकार संसद में क्या कर सकती है? सरकार ने यह भी कहा था कि वो कैबिनेट सचिव की निगरानी में विशेषज्ञों की समिति बनाकर समलैंगिकों की समस्याओं पर विचार करने को तैयार है।

यह भी पढ़ेंः- Maharashtra Politics: भुजबल की स्वस्थ्य पर चिंता जताई थी शरद पवार, जानें सियासी मामला!

Mudit Goswami

मुदित गोस्वामी, प्रयागराज से ताल्लुक रखते हैं. Delhi university से पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त कर Paigam.Network जैसी संगठन के साथ बतौर रिसर्चर और कॉन्टेक्ट राइटर काम कर चुके हैं. पत्रकारिता जगत में 3 से अधिक सालों के अनुभव के साथ इंडिया न्यूज़ में पॉलिटिक्स और धर्म से जुड़ी खबरें/स्टोरी लिखना पसंद करते हैं.

Recent Posts

Sambhal Hinsa: जिला प्रशासन ने संभल हिंसा पर जारी की एक अहम अधिसूचना,सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी निगरानी

India News (इंडिया न्यूज), Sambhal Hinsa: उत्तर प्रदेश के संभल जिले के प्रशासन ने एक…

3 minutes ago

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर जो कर लिया इन 3 शक्तिशाली मंत्रो का जाप, 3 महीनों में बैकाबू हो उठेगा कूबेर खजाना!

Braham Muhurat: नातन धर्म में ब्रह्म मुहूर्त का समय बहुत खास माना जाता है। ब्रह्म…

11 minutes ago

दिल्ली एनसीआर में बढ़ते पॉल्यूशन को लेकर प्रसासन का एक्शन, जाने क्या है ग्रेप 4 के नियम…

India News (इंडिया न्यूज), Grape 4 Rules: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और दिल्ली एनसीआर में…

23 minutes ago

MP Weather Update: ठंड का बढ़ता प्रकोप, तपमान में तेजी से गिरावत

India News (इंडिया न्यूज), MP Weather Update: मध्य प्रदेश में इन दिनों ठंड का असर…

44 minutes ago