India News (इंडिया न्यूज़), Sanatan Dharma,धर्म डेस्क: सनातन धर्म को लेकर देश में इस वक्त चर्चाएं गर्म हो गई हैं। सनातन को लेकर विवाद उस वक्त उठा जब DMK पार्टी के नेता और सीएम एम. के. स्टलिन के बेटे उध्यनिधि स्टलिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से करते हुए इसे खत्म करने की बात कही। अब उनके बयान के बाद कई राजनीति पार्टियों के नेता इस पर अपनी-अपनी राय रख रहें हैं। इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जून के बेटे प्रियंक खरगें ने भी धर्म में त्रुटि और असमानता होने की बात कही है। हम इस आर्टिकल में सनातन धर्म की उत्पत्ति और खास बातों को लेकर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि सनातन धर्म में अन्य धर्मों की अपेक्षा क्या खास है।
सनातन दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म है। आधुनिकता और समान्य ज्ञान के अनुसार, सनतान धर्म (Sanatan Dharma) लगभग 10 हजार साल पुराना है। इसके अलावा यहूदी धर्म 4000 साल, ईसाई धर्म 2000 साल और इस्लाम धर्म मात्र 1400 साल पुराना है। लेकिन आधुनिक इतिहासकारों में सनातन धर्म की सटीक गणना को लेकर व्यापक मतभेद देखने को मिलता है।
हम वैदिक धर्म के पुराणों के आधार पर देखे तो इसमें क्रमशः सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलयुग हैं। वर्तमान समय में कलयुग चल रहा है और इसी प्रकार इसके बाद फिर सतयुग शुरु होगा। ये क्रम इसी तरह चलता रहेगा। इस मान्यता के अनुसार सनातन धर्म कभी ना शुरु और ना खत्म होने वाला धर्म है। लेकिन फिर भी आखिर सतयुग से पूर्व क्या रहा होगा और सनातन धर्म की उत्पत्ति कैसे हुई इस बात को लेकर हम इस आर्टिकल में चर्चा करने जा रहे हैं।
सनतन धर्म के हिंदी अर्थ की बात करें तो सनातन शब्द सत् और तत् से मिलकर बना है। इन शब्दों के अर्थ – यह और वह है। सनतन को लेकर बड़ा उल्लेख संस्कृत के ‘अहं ब्रह्मास्मि और तत्वमसि’ श्लोक से मिलता है। जिसका अर्थ है कि मैं ही ब्रह्म हूं और यह पूरा जगत ही ब्रह्म पूर्ण यानि ब्रह्म का है। कहने का तात्पर्य है कि संसर के हर कर्ण में ब्रह्म है और यहीं सनातन हैं। आसान शब्दों में कहें तो जीवन में सत्यता का ज्ञान ही सनातन है।
अब सनातन के इस अर्थ से पहला सवाल मन में जो पैदा होता है वो ये है कि आखिर सत्य क्या है? दरअसल, ईश्वर, जीवों की आत्मा और मोक्ष ये पूर्ण रुप से सत्य है। इन सब बातों में विचार किया जाए तो ईश्वर, आत्मा और मोक्ष की तरह ही सनातन धर्म का ना आदि है और ना ही अंत है। अतः सनातन अनंत है और इस सत्य को ही सनातन कहा जाता है। सनातन धर्म का अनुसरण करने से ही ईश्वर, आत्मा और मोक्ष का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। वहीं विज्ञान के लिए मृत्यु और इसके बाद की सभी चीजें पहली बनी हूई है। ईश्वर, आत्मा और मोक्ष को केवल ध्यान के मार्ग से जाना जा सकता है।
अंनत काल से चले आ रहे सनातन धर्म का मूल सार पूजा,जप-तप, ध्यान, दान,सत्य, अहिंसा, दया, क्षमा और यम जैसे कई नियमों पर आधारित है। कहा जाता है कि इस मार्ग में चलकर संसार में अवतरीत हुए देव, ऋषि-मुनियों और यहां तक कि साधारण मनुष्य ने भी अपना उत्थान किया है। वहीं सनातन धर्म में ॐ एक पवित्र प्रतीक चिह्न है। तथा इसके जाप और उच्चरण और ध्वनी की भी खास विशेषता है। साथ ही सनातन में शिव-शक्ति, ब्रह्म और विष्णु ससंर के रचेता, पालन कर्ता और विनाशक हैं। वही सनातन की मूल भाषा संस्कृत है।
प्रमुख आराध्य वेदों के अनुसार- त्रिदेव यानि ब्रह्मा,विष्णु और महेश को प्रमुख आराध्य माना गया हैं। भगवान शिव की पूजा अरण्य संस्कृति यानि उस वक्त से की जाती थी जब मनुष्य सभ्यता का विकाश हुआ था। कालांतर में अरण्य संस्कृति ही आगे चलकर सनातन यानी जीने का आधार बनी और एक धर्म में परिवर्तित हुई। उस समय से भगवान शिव को सनातन का आधार माना गया है। वहीं सनातन धर्म की एक खास बात ये है कि हमारे ऋषि-मुनियों ने ध्यान के बल पर ब्रह्म, ब्रह्मांड और आत्मा के रहस्य को उजागर किया है। और ‘मोक्ष’ की बात कही है। यहां जानने वाली बात ये है कि सनातन धर्म में पुनर्जन्म का विधान है अत्यथा सभी धर्म मृत्य के बाद स्वर्ग और नर्क की बात तक ही सिमित है।
ये भी पढ़ें-
India News (इंडिया न्यूज),Delhi: राजधानी दिल्ली के जल निकायों का प्रदूषण से दम घुट रहा…
Today Rashifal of 23 December 2024: 23 दिसंबर का दिन राशियों के लिए मिला-जुला रहेगा।
India News (इंडिया न्यूज),Bihar: पूर्णिया में आपसी लड़ाई के दौरान शराब के नशे में पिकअप…
India News (इंडिया न्यूज),Delhi: गणतंत्र दिवस परेड में राजधानी दिल्ली की झांकी शामिल न होने…
India News (इंडिया न्यूज),UP News: चमनगंज क्षेत्र के तकिया पार्क के पास स्थित 1 मंदिर…
India News (इंडिया न्यूज),JDU Leaders Flagged Off Chariot: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब मात्र…