इंडिया न्यूज, लखनऊ:
चंबल फाउंडेशन आयुर्वेद पर्यटन की शुरुआत के मकसद से अरसे से बीहड़ में बदलाव के लिए चला रहे अपने अभियान को 17 जुलाई से मूर्त रूप देगा। पर्यटन के साथ ही चंबल इलाके में मौजूद प्राकृतिक चीजों का फाउंडेशन लोगों के उपचार के लिए भी इस्तेमाल करेगा। आयुर्वेद के विशेषज्ञों की टीम चंबल में ठंडे और गर्म रेत से लोगों को स्नान करवाएगी।
मलेशिया और मिस्र में भी ऐसा करवाया जाता है। इसी के साथ टीम चंबल के बीहड़ों में बड़ी मात्रा में मौजूद दुर्लभ जड़ी बूटियों से लोगों का उपचार भी करेगी। सेंड बाथ के साथ चंबल नदी के किनारे योग क्रियाएं व आयुर्वेद से इलाज होगा। इसके लिए डॉक्टरों के विशेषज्ञों की एक टीम तैयार की गई है। इन डॉक्टरों में आयुर्वेद के लिए डॉ. कमल कुमार कुशवाहा,डॉ. मनोज दीक्षित, डॉ. जय प्रकाश सिंह, डॉ. श्रीकांत, योगाचार्य स्वेच्छा दीक्षित, डॉ. नीलेन्द्र सिंह और डॉ. राजीव कुशवाहा शामिल हैं। योगाचार्य स्वेच्छा से यहां योगाभ्यास कराएंगी।
उत्तर प्रदेश के जालौन, इटावा और औरैया जिले की सीमा पर मौजूद पांच नदियों के संगम ‘पचनद’ पर फैले विशाल रेत के मैदान में आयुर्वेद पर्यटन व बीहड़ों में पाई जाने वाली दुर्लभ जड़ी बूटियों से लोगों का इलाज करने की शुरुआत की जाएगी। तीनों जिलों की सीमा पर पहुज, चंबल, क्वारी, यमुना और सिंध नदी का संगम है और इसे पचनद कहते हैं। यहां साफ-सुथरी रेत दूर-दूर तक फैली है और रेत को देखकर ऐसा लगता है जैसे चांदी चमक रहा हो।
बता दें कि चंबल फाउंडेशन यहां के बीहड़ों को बेहतर पर्यटन क्षेत्र की छवि में तब्दील करने व बीहड़ों की सकारात्मक पहचान के लिए काफी समय से जुटा है। फाउंडेशन ने जैव विविधता से धनी इस क्षेत्र में बाकायदा अभियान चला रखा है। इस इलाके में कई तरह के कछुए, बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों के अलावा घड़ियाल प्रवास करते हैं। लोग कोल्ड सैंड बाथ के लिए मलेशिया तो हॉट सैंड बाथ के लिए सहारा मरुस्थल जाते हैं, जबकि चंबल के किनारे ये दोनों बाथ उपलब्ध हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार हॉट और कोल्ड दोनों तरह का सैंड बाथ सुबह लिया जाता है। कोल्ड सैंड बाथ में लगभग 13 से 18 डिग्री सेल्सियस तापमान की रेत में व्यक्ति का शरीर गले से नीचे तक रेत में दबा दिया जाता है। इसी के साथ उसकी एक अंगुली बाहर रखी जाती है और उसमें पल्स मीटर लगा दिया जाता है, ताकि व्यक्ति की पल्स पर नजर रखी जा सके। देखा जाता है कि कहीं उसे घबराहट तो नहीं हो रही है। 15 से 30 मिनट तक व्यक्ति को रखा जाता है। इससे डिप्रेशन व तनाव में राहत मिलती है। वहीं हॉट बाथ में रेत का तापमान 47 डिग्री तक भी रखा जाता है। इससे मासपेशियों व जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।
बता दें कि चंबल घाटी औषधियों का हब है। यहां प्रचुर मात्रा में कई तरह की दुर्लभ जड़ी बूटियां पाई जाती हैं। चंबल के दस्तावेजी लेखक व चंबल परिवार प्रमुख डॉ. शाह आलम राना यह जानकारी दी है। इसी के साथ गुरूकुल विश्वविद्यालय के कुलपति रहे प्रोफेसर रत्नाकर शास्त्री ने अपनी किताब ‘भारत के प्रणाचार्य’ में भी चंबल में मौजूद जड़ी-बूटियों का जिक्र किया है। डिविजनल आयुर्वेदिक व यूनानी अधिकारी डॉ मनोज दीक्षित का कहना है कि आयुर्वेद पर्यटन से चंबल से विलुप्त हो रही आयुर्विधा के साथ रोजगार के नए आयाम पैदा होंगे। यह शुरुआत पूरी दुनिया में चंबल को एक नई पहचान दिलाएगी। इससे चंबल के उपेक्षित बीहड़ों में खुशहाली की बयार चलेगी।
ये भी पढ़े : भारत में मंकीपॉक्स: केरल के संक्रमित व्यक्ति के सह-यात्रियों की भी हो रही निगरानी, ये पांच जिले हाई अलर्ट पर
Muslim Marriage: देश में शादियों का बहुत खास माहौल होता है। जिसमें कई रश्म और…
India News (इंडिया न्यूज), CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में आज मौसम का मिजाज थोड़ा अलग…
India News (इंडिया न्यूज़),UP By-Election Results 2024 Live: उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में कुल 9…
India News (इंडिया न्यूज), Bihar Bypolls Result 2024: बिहार के गया जिले के इमामगंज और…
India News(इंडिया न्यूज़),UP Weather: प्रदेशभर में कड़ाके की सर्दी ने दस्तक दे दी है दिसंबर…
India News (इंडिया न्यूज), Himachal Weather Update: हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आज…