India News (इंडिया न्यूज़) , Sandeshkhali Violence: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को संदेशखाली का दौरा किया था। जिसके बाद आयोग (एनसीएससी) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक रिपोर्ट सौंपी है। जिसमें पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की गई है। एनसीएससी प्रमुख अरुण हलदर ने बताया कि रिपोर्ट में संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) समर्थकों द्वारा महिलाओं के कथित उत्पीड़न पर प्रकाश डाला गया है।

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जांच की मांग पर सहमत

भाजपा के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने कथित घटनाओं की जांच के लिए रोक दिया। जबकि कांग्रेस प्रमुख ने विपक्षी दलों पर प्रतिबंध पर सवाल उठाया। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ती हिंसा पर ध्यान दिया और अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की है।

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एनसीएससी प्रमुख ने क्या कहा

राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए एनसीएससी प्रमुख अरुण हलदर ने कहा कि”संदेशखली के लोगों द्वारा सहन किए गए अत्याचार और हिंसा” का एक संक्षिप्त विवरण साझा किया।  “हमने सिफारिश की है कि अनुच्छेद 338 के तहत पश्चिम बंगाल की स्थिति को देखते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। जिसका उद्देश्य अनुसूचित जाति के अधिकारों की रक्षा करना है।”

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