India News(इंडिया न्यूज),Sandeshkhali Violence: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने रविवार को कहा कि संदेशखली में चुनाव के बाद हुई हिंसा की रिपोर्ट मिलने के बाद वे चिंतित हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से तत्काल हस्तक्षेप कर वहां शांति बहाल करने को कहा है बोस ने आगे कहा कि उन्होंने बनर्जी को पत्र लिखकर उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली में हुई हिंसा की घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है।

हिंसा को लेकर जताई चिंता

बोस ने कहा मैं संदेशखली की स्थिति को लेकर थोड़ा चिंतित हूं। मुझे जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार मुझे कल मतदान खत्म होने के कुछ ही घंटों बाद संदेशखली की महिलाओं पर हमले की घटनाओं के बारे में पता चला है। मैंने इस संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

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संदेशखाली में हिंसा

इसके सात ही बोस ने कहा कि वे जानना चाहते हैं कि यह कब रुकेगा और संदेशखली के लोग भारत के अन्य नागरिकों की तरह “निडर जीवन” कब जी पाएंगे। “यह (संदेशखली के लोगों पर कथित अत्याचार) जारी नहीं रह सकता। इसे अवश्य ही रोकना चाहिए। मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है कि वे हस्तक्षेप करें और तत्काल कदम उठाएं। आखिरकार, वे राज्य की पुलिस मंत्री भी हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि चुनाव खत्म होने के 24 घंटे से भी कम समय बाद, रविवार को संकटग्रस्त संदेशखली में महिलाओं और पुलिस के बीच झड़पों का एक और दौर देखने को मिला, जब पुलिस वहां गई और पिछली रात पुलिसकर्मियों पर हुए हमलों के सिलसिले में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया।

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महिलाओं को सुरक्षा का दिया अश्वासन

राज्यपाल बोस ने 12 फरवरी को क्षेत्र के अपने दौरे के दौरान संदेशखली की महिलाओं को सुरक्षा का आश्वासन दिया था, ने कहा कि वे राजभवन में “प्रताड़ित” लोगों को आश्रय प्रदान करेंगे। इसके साथ ही कहा कि यदि इस तरह के हमले जारी रहे और निवासियों को प्रताड़ित किया गया, तो मैं उनके लिए राजभवन के दरवाजे खोल दूंगा। उन्हें यहां सुरक्षित आश्रय प्रदान किया जाएगा।

पुलिस अधिकारी का बयान

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि संदेशखली के अगरहाटी गांव में महिलाएं रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के कर्मियों के साथ हाथापाई में शामिल हो गईं, पेड़ों की टहनियां गिरा दीं और सड़कें जाम कर दीं, जब पुलिस कथित तौर पर उन पर हमला करने वाले कुछ लोगों की तलाश में वहां गई थी।