India News (इंडिया न्यूज़), Sanjay Singh, दिल्ली: आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के आवास पर बुधवार (4 अक्टूबर) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की। बीजेपी ने इस मामले में आप को घेरना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि इस शराब घोटाले को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की देखरेख में किया गया है। सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा ने भी इस बात को कबूल किया है। मुख्यमंत्री आवास पर वसूली की जाती थी। बता दें आप संसद संजय सिंह के आवास पर दिल्ली शराब घोटाले के मामले में की है।
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि शराब घोटाले को लेकर जनता जान चुकी है कि इसे अरविंद केजरीवाल की निगरानी में अंजाम दिया गया है। आरोपी दिनेश अरोड़ा ने कबूला है कि दिल्ली के CM आवास पर बैठकें होती थीं। उन्होंने कहा, ” अरविंद केजरीवाल के इशारे पर ही संजय सिंह ने पार्टी कोष में 32 लाख रुपये देने की बात कही गई। सीएम आवास पर बैठकर एक सांसद के 32 लाख रुपये के रिश्वत को चेक से लेने की बात है।”
केजरीवाल के कहने पर एक सांसद वसूली कर रहा- गौरव भाटिया
गौरव भाटिया ने आगे कहा, “अरविंद केजरीवाल के कहने पर एक सांसद वसूली कर रहा है। ये बेहद ही चिंताजनक बात है। चिंता वाली बात ये है कि खुद को ये लोग आम आदमी बताते हैं। उन्होंने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को केजरीवाल का दायां और बायां हाथ बताया। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि दाहिना हाथ पिछले साढ़े सात महीने से जेल में बंद हैं, जबकि बायां हाथ आज छापेमारी के बाद से घबराने लगा है।
केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस की मांग
बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने कहा है, ” जैसे-जैसे कड़ियां जुड़ती जा रही हैं, वैसे-वैसे अरविंद केजरीवाल के पास हथकड़ी आती जा रही है। केजरीवाल के इशारे पर ही दिल्ली में शराब घोटाला हुआ है। कानून से ऊपर कोई नहीं है चाहे वह कितने भी बड़े पद पर क्यों न बैठा हो। उन्होंने कहा कि हमारा कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को प्रेस वार्ता करनी चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो हम मान लेंगे कि वह इस घोटाले में शामिल हैं।”
गौरव भाटिया ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल पर हमला करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल ने जो भ्रष्टाचार किया है, उससे उन्हें कोई नहीं बचा सकता है। आप नेता खुद को आम आदमी बताते हैं। अगर आम आदमी लाल बत्ती तोड़ दे तो उस पर कार्रवाई होती है। अगर आप नेताओं पर कार्रवाई की जाती है, तो उसे राजनीतिक द्वेष से एक्शन का नाम दिया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर आप हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट भी चली जाए, तो उन्हें राहत नहीं मिलने वाली है।