इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (SC Returned From Ukraine) : सुप्रीम कोर्ट यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों की याचिका पर सुनवाई 15 सितंबर को करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारतीय छात्रों द्वारा दायर एक बैच की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 15 सितंबर को तिथि निर्धारित की है।

सालिसिटर जनरल तुषार मेहता के कहने के बाद मामले को स्थगित कर दिया गया कि उन्हें इस मामले पर निर्देश लेने की जरूरत है। यह याचिका उन छात्रों ने दायर की गई है, जो यूक्रेन में अपनी मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन रूस के आक्रमण के बाद उन्हें मजबूरन वापस अपने देश भारत लौटना पड़ा। छात्रों ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से भारत में अपनी पढ़ाई आगे जारी रखने की मांग की है।

छात्रों का करियर और भविष्य दोनों खतरे में

वकील ऐश्वर्या सिन्हा के माध्यम से दायर की गई याचिका में यह बताया गया है कि लगभग 14,000 भारतीय छात्रों की शिक्षा पूरी तरह से स्थगित हो गया है। जिससे इनका भविष्य और करियर दोनों खतरे में पड़ गया है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 14,19 और 21 के तहत संरक्षित मौलिक अधिकार भ्रामक हो गए हैं। वकील ऐश्वर्या सिन्हा ने बताया कि इससे छात्र मानसिक परेशानी और पीड़ा से गुजर रहे है। क्योंकि उनका पूरा करियर अधर में लटक गया है और फरवरी 2022 से उनकी शिक्षा एक तरह से ठप हो गई है। फिलहाल युद्धग्रस्त देश में शांति बहाली की कोई संभावना नहीं दिख रही है।

छात्रों के लिए बना हुआ है दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति

याचिका में यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि मौजूदा मामले में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि याचिकाकर्ता न तो यूक्रेन में अपने संबंधित संस्थानों में अपनी शिक्षा फिर से शुरू करने की स्थिति में हैं और न ही मौजूदा नियमों के तहत उन्हें भारत के संस्थानों में अपनी शिक्षा जारी रखने की अनुमति मिल रही है।

इसलिए, याचिकाकर्ताओें ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 की धारा 45 के तहत एनएमसी पर भारतीय मेडिकल छात्रों के प्रवास के लिए दिशानिर्देश और एसओपी तैयार करने के लिए एक उचित दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है, जिन्हें समान शैक्षणिक वर्ष में एक मुश्त उपाय के रूप में यूक्रेन से भारतीय मेडिकल कालेजों में स्थानांतरित किया गया है।

याचिकाकर्ताओं ने की दिशा-निर्देश जारी करने की मांग

याचिका में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 की धारा 46 के तहत आवश्यक निर्देश जारी करने के लिए केंद्र को निर्देश जारी करने की भी मांग की गई। इसके साथ ही उत्तरदाताओं को यूक्रेन से निकाले गए भारतीय छात्रों की चिकित्सा शिक्षा को जारी रखने के लिए पर्याप्त ढांचागत/अकादमिक और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक उपयुक्त निर्देश देने की भी मांग की गई है।

ताकि इनका कैरियर और भविष्य सुधर सकें। याचिका में छात्रों के हितों की रक्षा और भारतीय मेडिकल कालेजों में उनके प्रवास के लिए यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण असाधारण स्थिति के आलोक में भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्रदत्त अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करके दिशा-निर्देश तैयार करने की भी मांग की गई है ताकि छात्रों का भविष्य और करियर दोनों संवर सकें।

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